VIRAL NEWS: कर्मचारियों में बांट दिए 2 हजार करोड़ रुपए, जानिए कौन ये CEO?,जिसने कर्मचारियों को भी बना दिया करोड़पति

यह फैसला सुनकर कर्मचारियों को यकीन ही नहीं हुआ। कई लोग तो इसे प्रैंक या सिस्टम की गलती मान बैठे। हालांकि, यह सच्चाई थी।

कॉर्पोरेट जगत में आपने सुना होगा लोगों को काफी ज्यादा परेशान किया जाता है…लोग सपोर्ट नहीं करते हैं…और बॉस का प्रेशर ऐसा होता है कि काम करने वाले कर्मचारी बिल्कुल भी खुश नहीं रहते हैं… परेशान हो जाते है….ऐसे में हम आपको आज ऐसी खबर के बारे में बताने जा रहे है….जो कर्मचारियों के लिए भगवान बन गया है..हम आपको ऐसे ही एक बॉस के बारे में बताने वाले हैं….. जी हां ठीक सुना है आपने….

चलिए ये बॉस आखिर कर्मचारियों के लिए भगवान कैसे बन गया बता देते हैं….

दरअसल, लुइसियाना से आई एक खबर ने बॉस और कर्मचारी के रिश्ते की परिभाषा ही बदल दी है। फैमिली बिजनेस फाइबरबॉन्ड के सीईओ, ग्राहम वॉकर ने अपनी कंपनी को बेचे जाने के बाद करीब 2,000 करोड़ रुपये (लगभग 2.6 बिलियन डॉलर) का एक बड़ा हिस्सा अपने कर्मचारियों को देने का ऐतिहासिक फैसला लिया।

यह फैसला सुनकर कर्मचारियों को यकीन ही नहीं हुआ। कई लोग तो इसे प्रैंक या सिस्टम की गलती मान बैठे। हालांकि, यह सच्चाई थी। औसतन हर कर्मचारी को करीब 3.7 करोड़ रुपये (4 लाख 43 हजार डॉलर) का बोनस मिला, जबकि इन कर्मचारियों के पास कंपनी में कोई मालिकाना हक या शेयर नहीं थे। यह बोनस केवल उनकी मेहनत और वफादारी का सम्मान था।

फाइबरबॉन्ड को अमेरिकी दिग्गज कंपनी ईटन (Eaton) ने खरीदा, लेकिन बिक्री के दौरान वॉकर ने एक अहम शर्त रखी कि वह उस रकम का फायदा उन कर्मचारियों को देंगे जिन्होंने कंपनी को यहां तक पहुंचाने में अपना खून-पसीना एक किया है। वॉकर का कहना था, “यह फैसला उन कर्मचारियों के सम्मान में लिया गया जिन्होंने कंपनी के मुश्किल दौर में भी साथ दिया।”

हालांकि, यह पूरी रकम एक साथ नहीं दी गई, बल्कि कर्मचारियों को इसे अगले पांच सालों में किस्तों में मिलेगा, बशर्ते वे कंपनी से जुड़े रहें। इस फैसले के बाद कई कर्मचारियों की जिंदगी बदल गई। एक महिला कर्मचारी, जो 1995 से काम कर रही थीं, ने इस बोनस से अपना घर का लोन चुकाया और अपना खुद का कपड़ों का बुटीक शुरू किया। कई कर्मचारियों ने अपने बच्चों की कॉलेज फीस भरी, रिटायरमेंट फंड को मजबूत किया, या अपनी सपनों की कार खरीदी।

जब ग्राहम वॉकर से पूछा गया कि क्या उन्हें नहीं लगता कि कुछ लोग पैसे खर्च कर रहे हैं, तो उनका जवाब था, “यह उनका पैसा है, वे जैसे चाहें इसे इस्तेमाल करें।”

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