यूपी में उपचुनाव के लिए डाले जा रहे वोट, जाने मैनपुरी, रामपुर और खतौली में क्या हैं सियासी समीकरण !

उत्तर प्रदेश की मैनपुरी लोकसभा सीट और रामपुर व खतौली विधानसभा सीट पर सोमवार को मतदान हो रहा हैं। तीनों सीटों पर सुबह सात बजे से....

उत्तर प्रदेश की मैनपुरी लोकसभा सीट और रामपुर व खतौली विधानसभा सीट पर सोमवार को मतदान हो रहा हैं। तीनों सीटों पर सुबह सात बजे से शाम छह बजे तक मतदान होगा। मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद मैनपुरी लोकसभा सीट रिक्त हो गयी थी, जिसके चलते अब यहाँ चुनाव हो रहा है। जबकि, समाजवादी पार्टी के दिग्गज़ नेता आज़म खान को हेट स्पीच मामले में सज़ा हो जाने और उनकी विधायकी जाने के बाद रामपुर सदर सीट पर मतदान हो रहा है। इसी प्रकार से मुज्जफ़रनगर की खतौली विधानसभा सीट से भाजपा विधायक विक्रम सिंह सैनी को अयोग्य घोषित किये जाने के चलते खतौली में उपचुनाव हो रहा है।

इनके बीच हैं सीधा मुक़ाबला-

मैनपुरी लोकसभा सीट से समाजवादी पार्टी ने मास्टरस्ट्रोक खेलते हुए डिम्पल यादव को चुनावी मैदान में उतारा है। डिम्पल यादव के प्रत्याशी बनने से जहाँ यादव परिवार अब एक साथ आ गया है, तो वहीं नेताजी के समर्थक अब नेताजी की बहु [ डिम्पल यादव ] के चुनाव लड़ने से काफ़ी ख़ुश हैं। नेताजी के निधन के बाद यह पहला चुनाव है, और ऐसा माना जा रहा है की डिम्पल के प्रति लोगों में सहानभूति भी दिखाई दे रही है। वहीं, भारतीय जनता पार्टी ने डिम्पल यादव के सामने रघुराज शाक्य को मैदान में उतारा है। रघुराज पूर्व सपाई हैं और शिवपाल यादव के क़रीबी रहे हैं। रघुराज ने सबसे पहले नेताजी की मूर्ति पर पुष्प अर्पित करते हुए चुनाव प्रचार की शुरुआत की।

वहीं, बात करें रामपुर सदर सीट की तो वहां पर समाजवादी पार्टी ने फिर आजम खान के क़रीबी माने आसिम रज़ा पर भरोसा जताते हुए उनको टिकट दिया है। आज़म खान इस पूरे चुनाव प्रचार के दौरान इमोशनलकार्ड खेलते हुए नजर आए। रामपुर में अखिलेश यादव ने भी सपा प्रतयाशी आसिम रज़ा के लिए प्रचार किया है। रामपुर भी सपा की परंपरागत सीट मानी जाती रही है, आज़म खान वहां से दस बार से विधायक रहे। भाजपा ने वहां पर कमल खिलाने के लिए आकाश सक्सेना को प्रत्याशी बनाया है। मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री ने रामपुर में भाजपा प्रत्याशी आकाश सक्सेना के पक्ष में मतदान करने की अपील की है और रैलियों को संबोधित किया है।

मुज़फ्फरनगर की खतौली सीट पर भाजपा ने विधायक रहे विक्रम सिंह सैनी की पत्नी राजकुमारी सैनी को प्रत्याशी बनाया. वहीं, सपा ने आरएलडी गठबंधन को यह सीट दे दी है, वहीं आरएलडी ने इस सीट पर मदन भैया को प्रत्याशी के रूप में उतारा है। जयंत चौधरी ने खतौली विधानसभा क्षेत्र में घूमकर मदन भैया के लिए प्रचार किया। अब आने वाली आठ तारीख़ ही यह तय करेगी की इन तीनों सीटों पर कौन विजयी होगा.

मैनपुरी का जातिगत समीकरण

डिंपल कितना कमाल कर पाएंगी ये आने वाले वक्त में ही पता लग पाएगा. डिंपल यादव इससे पहले कन्नौज से दो बार सांसद रह चुकी है. इस उनके उपर जिम्मेदारी बड़ी दी गई है. मैनपुरी लोकसभा सीट के जातिगत समीकरण की बात करें तो मैनपुरी में सबसे ज्यादा यादव वोटर्स हैं. सपा के इस गढ़ में यादव वोटरों की संख्या करीब 4.25 लाख है.

यादव वोटर्स के बाद शाक्य वोटर्स का इस सीट पर दबदबा है. इस सीट पर शाक्य वोटर्स की संख्या करीब 3.25 लाख है. इसी जातिगत समिकरण को ध्यान में रखते हुए बीजेपी नें शाक्य जाति के उम्मीदवार पर भरोसा जताया है.

इस लोकसभा सीट पर ब्राह्मण वोटर्स की संख्या करीब 1.10 लाख है. इसके अलावा दलित वोटर्स की संख्या 1.20 लाख और लोधी वोटर्स की संख्या एक लाख के आसपास है. इन सबके बाद मैनपुरी सीट पर मुस्लिम वोटर्स का नंबर आता है. यहां मुस्लिम वोटर्स की संख्या करीब 55 हजार है.

1996 से रहा है सपा का दबदबा

मैनपुरी लोकसभा सीट पर 1996 से अभी समाजवादी पार्टी को कोई हरा नही पाया है. ऐसे में डिंपल के लिए ये एक बड़ी चुनौती है. वही बीजेपी ने जो जातिय समीकरण खेला है उससे यही पता लगता है कि भाजपा किसी भी मामले में पीछे नही रहेगी. यही कारण है कि यादव के बाद सबसे ज्यादे शाक्य है और बीजेपी ने शाक्य जाति के कैंडिडेट पर भरोसा जताया है. आपको बता दें कि पांच बार खुद मुलायम सिंह यहां से सांसद चुने गए थे, इसके अलावा मुलायम परिवार के ही तेज प्रताप सिंह यादव, धर्मेंद्र यादव एक-एक बार यहां से जीत चुके हैं. दो बार सपा के टिकट पर ही बलराम सिंह यादव ने यहां से चुनाव जीता था.

डिंपल के पक्ष में कौन सी बातें?

सपा ने काफी सोच समझकर डिंपल यादव को मैदान में उतारा है. माना जा रहा है कि नेताजी मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद से डिंपल को चुनाव में सहानुभूति मिल सकती है. वही कल सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने पीसी के दौरान कहा कि ये चुनाव में सपा की जीत मुलायम सिंह यादव को सच्ची श्रद्धांजलि होगी. इससे साफ होता है की समजवादी पार्टी ये उपचुनाव सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के नाम पर ही लड़ेगी. देखने वाली बात होगी कि ये उप चुनाव क्या नया अध्याय लिखता है.

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