
गर्भावस्था के दौरान मां और बच्चे के स्वस्थ विकास के लिए आयरन एक महत्वपूर्ण तत्व है। आयरन की कमी से मां के शरीर में खून की कमी हो सकती है, जिससे कमजोरी और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। इसके अलावा, भ्रूण के विकास में भी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। ऐसे में आयरन और अन्य पोषक तत्वों की कमी से बचने के लिए कुछ बीजों का सेवन लाभकारी हो सकता है।
आयरन की कमी से बच्चे के विकास पर प्रभाव
आयरन की कमी से गर्भावस्था के दौरान मां को शारीरिक कमजोरी, थकान और शरीर में खून की कमी जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा, बच्चे का वजन कम होना, समय से पहले जन्म होना और मानसिक विकास में कमी जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं। इसीलिए गर्भवती महिलाओं को पोषक तत्वों का संतुलित सेवन करना बेहद जरूरी है।
कद्दू के बीज
कद्दू के बीज आयरन, मैग्नीशियम और प्रोटीन से भरपूर होते हैं। इन्हें गर्भावस्था की तीसरी तिमाही में खाने से शरीर में हीमोग्लोबिन का स्तर बढ़ता है, जिससे महिलाओं को कमजोरी और थकान से राहत मिलती है।
तिल के बीज
तिल के बीज गर्भावस्था के दौरान शिशु के विकास में मदद करते हैं। ये पाचन तंत्र को भी मजबूत बनाते हैं और कब्ज की समस्या से राहत दिलाते हैं। साथ ही, तिल के बीज फोलिक एसिड का निर्माण करते हैं, जो भ्रूण के सही विकास के लिए आवश्यक है। हालांकि, तिल के बीजों का सेवन गर्भावस्था की पहली तिमाही में अत्यधिक करने से कुछ हानि हो सकती है, जैसे स्पॉटिंग (रक्तस्राव)। इसलिए, इसका सेवन डॉक्टर की सलाह के अनुसार करना चाहिए।
सूरजमुखी के बीज
सूरजमुखी के बीज आयरन, फोलिक एसिड और मैग्नीशियम से भरपूर होते हैं। इनका सेवन सीमित मात्रा में और डॉक्टर की सलाह के अनुसार गर्भवती महिलाओं के लिए फायदेमंद होता है। इससे शरीर में पोषक तत्वों की कमी नहीं होने पाती।
गर्भावस्था के दौरान पोषक तत्वों की कमी से बचने के लिए कद्दू, तिल और सूरजमुखी के बीजों का सेवन किया जा सकता है। लेकिन, किसी भी बीज का सेवन डॉक्टर की सलाह से ही करें, खासकर गर्भावस्था की शुरुआत में।









