सरकार के अंदर से बदले की साजिश का राज्यमंत्री के कथित भतीजे से क्या है कनैक्शन

मेरठ की हस्तिनापुर सीट से बीजेपी विधायक और उत्तरप्रदेश के राज्यमंत्री दिनेश खटीक आजकल कुछ परेशान से है. हाल ही में उनके कथित भतीजे पर थाने में गुंडागर्दी और पुलिस अफसरों से अभद्रता के आरोप लगे. राज्यमंत्री का कथित भतीजा अवैध खनन में पकड़ी गयी ट्रैक्टर-ट्रालियों और जेसीबी मशीन को छुड़ाने पहुंचा था. मामला मीडिया की सुर्खियों में उछला तो राज्यमंत्री ने आरोपी से अपने किसी रिश्ते के ना होने को लेकर सफाई दी और उनके खिलाफ रची जा रही एक साजिश का खुलासा किया है.

जलशक्ति विभाग के राज्यमंत्री दिनेश खटीक ने कहा है कि आरोपी से उनका कोई रिश्ता नही है. वह उनका ना तो भतीजा है और ना ही उनके परिवार का हिस्सा है. बाबजूद इसके एक अखबार ने आरोपी को उनका भतीजा बताकर मुखपृष्ठ पर खबर प्रकाशित की. यह खबर मेरठ से लखनऊ तक के सभी संस्करणों में छापी गयी. दिनेश खटीक ने कहा कि कुछ लोगो से मिलकर अखबार ने षड़यंत्र किया है.

आरोपी खनन माफिया के पिता अशोक कुमार (दिनेश खटीक के पीछे काली नेहरू जैकेट में) के साथ राज्यमंत्री दिनेश खटीक लखनऊ में

इसके बाद राज्यमंत्री दिनेश खटीक ने राजनीति को लेकर गंभीर प्रश्न खड़ा किया है. यह पूछे जाने पर कि क्या इस षड़यंत्र का यूपी के आगामी मंत्रिमंडल विस्तार से कोई वास्ता है, खटीक ने कहा कि उत्तर प्रदेश में पिछले दिनों उनको लेकर जो घटनाक्रम हुआ उसे लेकर कुछ लोग प्रताड़ित है और उनकी छवि खराब करना चाहते है. उन्होने साफ कहा कि सरकार के अंदर हुए घटनाक्रम को लेकर जो कुछ हुआ उसका बदला लेने की तैयारी है.

आरोपी सुखांश उर्फ इशु खटीक मेरठ के जिलाधिकारी दीपक मीणा के साथ

इसी साल 19 जुलाई को लखनऊ पहुंचे दिनेश खटीक उस वक्त चर्चा में आये थे जब उन्होने सरकार से नाराज होकर मंत्रिपद से अपना इस्तीफा दे दिया था. उनके इस्तीफे की कॉपी सार्वजनिक हुई और खटीक मेरठ लौट आये. सरकार से नाराजगी को लेकर वह दो दिन दिल्ली में रहे और वहां बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष से मुलाकात की. हाईकमान के निर्देश पर वह फिर से लखनऊ पहुंचे और वहां सीएम योगी से मिले थे. दिनेश खटीक ने तब बताया था कि अब सब ठीक-ठाक है.

आरोपी सुखांश के भाई की शादी के निमंत्रण-पत्र पर राज्यमंत्री का नाम प्रेषक के तौर पर लिखा गया था

इसके कुछ दिन बाद उनके विभाग के मंत्री और राज्यमंत्रियों को लेकर कामकाज के बंटबारे की चिठ्ठी भी सार्वजनिक हुई थी. दिनेश खटीक को गोरखपुर का सहप्रभारी भी बनाया गया था. लेकिन उसके बाद से दिनेश खटीक सरकार की लाइमलाइट से दूर होते चले गये. बीजेपी के सूत्र बताते है कि इस्तीफे की घटना से सरकार में राज्यमंत्री के नंबर कम हुए है. दिनेश खटीक का आशय है कि इस्तीफा प्रकरण को लेकर सरकार के अंदर के कुछ लोग उनसे बदला लेना चाहते है.

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