क्या है UPSC का नॉर्मलाइजेशन सिस्टम, जिसके विरोध में छात्रों ने खोला मोर्चा?

प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों का कहना है कि पीसीएस परीक्षाओं में अक्सर ऐसा होता है कि गलत प्रश्न भी पूछ लिए जाते हैं. ऐसे में...

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्र इन दिनों सड़कों पर विरोध प्रदर्शन करने को मजबूर हैं. उनका विरोध प्रदर्शन यूपी लोक सेवा आयोग की परीक्षाओं में नॉर्मलाइजेशन सिस्टम के खिलाफ हो रहा है.

UPSC का नॉर्मलाइजेशन सिस्टम लागू

दरअसल, हाल ही में UPSC ने प्रतियोगी परीक्षाओं में नॉर्मलाइजेशन सिस्टम लागू करने को लेकर एक नोटिस जारी किया था, जिसमें बताया गया था कि अगर कोई परीक्षा दो या दो से अधिक दिन तक चलती है तो उनका मूल्यांकन परसेंटाइल के आधार पर किया जाएगा, लेकिन अगर एक दिन की परीक्षा होगी तो उसमें नॉर्मलाइजेशन सिस्टम लागू नहीं होगा.

नॉर्मलाइजेशन सिस्टम का तरीका निष्पक्ष

अब इसको लेकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों का कहना है कि पीसीएस परीक्षाओं में अक्सर ऐसा होता है कि गलत प्रश्न भी पूछ लिए जाते हैं. ऐसे में पहली शिफ्ट की तुलना में दूसरी शिफ्ट में पूछे गए प्रश्न अधिक गलत हो गए तो कैंडिडेट्स को कैसे पता चलेगा कि उन्हें कितने अंक मिले, क्योंकि परसेंटाइल को किसी शिफ्ट में शामिल हुए छात्रों की संख्या के आधार पर निर्भर करेगा. छात्रों का कहना है कि ऐसी स्थिति में अधिक अंक लाने वाले कैंडिडेट्स का भी परसेंटाइल कम हो सकता है. ऐसे में UPSC के नॉर्मलाइजेशन सिस्टम का तरीका निष्पक्ष नहीं है.

पुलिस और प्रशासन अलर्ट मोड पर

बता दें कि पीएससी प्री 2024 परीक्षा 7 और 8 दिसंबर को प्रस्तावित है. जबकि RO / ARO प्रारंभिक 2023 परीक्षा 22 व 23 दिसंबर को कराई जाएगी. प्रतियोगी छात्रों के विरोध प्रदर्शन के ऐलान के चलते पुलिस और प्रशासन अलर्ट मोड पर रखा गया है. ताकि छात्रों के उग्र होने के बाद किसी भी अप्रिय घटनाओं को रोका जा सके.

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