RBI: डिजिटल की ओर बढ़ा भारत, पांच सालों में क्रेडिट कार्ड्स में दोगुनी वृद्धि

रिजर्व बैंक ने हमेशा भुगतान प्रणाली में नवाचार को प्रोत्साहित किया है। हमारे भुगतान सिस्टम दुनिया के सबसे आधुनिक प्रणालियों में से एक बन..

RBI: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने सोमवार को अपनी रिपोर्ट जारी की, जिसमें भारत में क्रेडिट कार्ड्स की संख्या में अभूतपूर्व वृद्धि को उजागर किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, दिसंबर 2019 से दिसंबर 2024 तक क्रेडिट कार्ड्स की संख्या दोगुनी होकर लगभग 10.80 करोड़ हो गई है। वहीं, डेबिट कार्ड्स की संख्या में अपेक्षाकृत स्थिरता बनी रही है। दिसंबर 2019 में डेबिट कार्ड्स की संख्या 80.53 करोड़ थी, जो दिसंबर 2024 में बढ़कर 99.09 करोड़ हो गई है।

20,787 करोड़ लेन-देन

इस रिपोर्ट में एक और महत्वपूर्ण जानकारी दी गई है कि भारत में डिजिटल पेमेंट्स ने पिछले दशक में अभूतपूर्व वृद्धि की है। जहां 2013 में कुल 222 करोड़ डिजिटल लेन-देन हुए थे, जिनकी कीमत 772 लाख करोड़ रुपये थी, वही 2024 में यह संख्या 20,787 करोड़ लेन-देन तक पहुंच गई है, जिनकी कीमत 2,758 लाख करोड़ रुपये है। यह वृद्धि वॉल्यूम में 94 गुना और मूल्य में 3.5 गुना हुई है।

डिजिटल पेमेंट्स में तेजी से वृद्धि

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि पिछले पांच वर्षों में भारत में डिजिटल पेमेंट्स का वॉल्यूम 6.7 गुना और मूल्य 1.6 गुना बढ़ा है। इस वृद्धि को 45.9 प्रतिशत के वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) के रूप में दर्शाया गया है, जबकि मूल्य में 10.2 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।

पेमेंट्स में लागत, गति, और पारदर्शिता में सुधार

इसके अतिरिक्त, RBI ने बताया कि भारत के यूपीआई (Unified Payments Interface) को अन्य देशों के तेज़ पेमेंट सिस्टम्स से जोड़ने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं। 2023 में भारत और सिंगापुर के पे-नाउ (PayNow) सिस्टम को जोड़ा गया, जिससे सीमा पार पेमेंट्स में लागत, गति, और पारदर्शिता में सुधार हुआ है।

क्रॉस-बॉर्डर पेमेंट्स में सुधार

रिजर्व बैंक ने बताया कि वह अन्य देशों के भुगतान प्रणालियों को जोड़ने के लिए प्रोजेक्ट नेक्सस में भी शामिल हो गया है। इस पहल का उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय स्तर पर त्वरित क्रॉस-बॉर्डर रिटेल पेमेंट्स की सुविधा प्रदान करना है। अब भारत के यूपीआई ऐप्स का उपयोग कर भूटान, फ्रांस, मारीशस, नेपाल, सिंगापुर, श्रीलंका, और यूएई में व्यापारियों को भुगतान किया जा सकता है।

भविष्य की दिशा

RBI के उपगवर्नर टी. रवी शंकर ने रिपोर्ट की प्रस्तावना में कहा, “रिजर्व बैंक ने हमेशा भुगतान प्रणाली में नवाचार को प्रोत्साहित किया है। हमारे भुगतान सिस्टम दुनिया के सबसे आधुनिक प्रणालियों में से एक बन चुके हैं।” भारत में रिटेल डिजिटल पेमेंट्स में 2012-13 में 162 करोड़ लेन-देन से बढ़कर 2023-24 में 16,416 करोड़ लेन-देन हो गए हैं, जो लगभग 100 गुना वृद्धि दर्शाता है।

डिजिटल पेमेंट्स इंडेक्स में वृद्धि

रिजर्व बैंक के डिजिटल पेमेंट्स इंडेक्स में भी पिछले छह वर्षों में चार गुना वृद्धि हुई है। मार्च 2024 में यह 445.50 पर पहुंच गया, जो मार्च 2018 में 100 था। ऐसे में RBI की रिपोर्ट से यह साफ होता है कि भारत में डिजिटल पेमेंट्स और क्रेडिट कार्ड्स का उपयोग तेजी से बढ़ रहा है। यह न केवल भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करेगा, बल्कि वैश्विक भुगतान प्रणाली में भी भारत को एक प्रमुख स्थान दिलाएगा।

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