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हाथरस जिले के सिकंदराराऊ क्षेत्र स्थित फुलगढ़ी गांव में सत्संग के बाद मची भगदड़ में 121 लोगों की मौत हो हई। इसका जिम्मेदार मानते हुए मुख्य सेवादार और आयोजक देवप्रकाश मधुकर के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई है। वह मूल रूप से एटा जनपद के गांव सलेमपुर गादुरी का निवासी है। एटा शीतलपुर ब्लाक में मनरेगा में संविदा पर तकनीकी सहायक के पद पर कार्यरत है। हाथरस हादसे का मुख्य आरोपी मधुकर एक लाख का इनामी है।
हादसे के बाद उसके घर पर ताला लटका हुआ है, वह फरार है, मनरेगा डीसी प्रभु दयाल ने भारत समाचार को बताया मनरेगा में उसके पास 20 गांव का दायित्व है और सभी दायित्वों से उसे हटा दिया गया है, उसके संविदा की समाप्ति की जायेगी।
देवप्रकाश हाथरस के भोले बाबा से जुड़ा हुआ है। गांव व आसपास के क्षेत्रों में भी सत्संग कराता रहा है। धार्मिक प्रवृत्ति का होने के चलते लोग उससे आसानी से जुड़ते गए। उस पर मुकदमा दर्ज हुआ है, हाथरस सत्संग कांड के मुख्य आरोपी देवप्रकाश ने 10 साल पहले ही गांव छोड़ दिया था। बच्चों सहित सिकंदराराऊ में मकान बनाकर रहने लगा था और यहां पर ही सत्संग की गतिविधियों को धार देने में जुट गया था। इसके बाद उसको मुख्य सेवादार का दायित्व मिला और लोगों को जोड़ने व सत्संग आयोजन का काम करने लगा था। अवागढ़ ब्लॉक के गांव सलेमपुर गादुरी में उसके माता-पिता अकेले रहते हैं।