कौन हैं IAS आंजनेय कुमार सिंह? आजम को भिजवाया जेल, अब सरकार ने फिर दिया सेवा विस्तार

केंद्र सरकार ने उनको सेवा विस्तार देते हुए उनका कार्यकाल बढ़ा दिया है। अब वो एक साल और UP में अपनी ड्यूटी को ऐसे ही जारी रखेंगे...

डिजिटल डेस्क: आपने अनेकों IAS ऑफिसर्स के कामयाबी की कहानी सुनी होगी। अक्सर फिल्मों और डॉक्यूमेंट्री में भी आप देखते होंगे कि एक IAS कैसे बहादुरी से बुराई के खिलाफ लड़ता है। आज हम आपको एक ऐसे ही IAS की कहानी बताने जा रहे हैं जिन्होंने बड़ी ही ईमानदारी से अपनी ड्यूटी निभाते हुए कई बहादुरी के कारनामे किये हैं। मगर उनके एक कारनामे ने पूरे उत्तर प्रदेश में सुर्खियां बटोरी थी। हम बात कर रहें हैं IAS आंजनेय कुमार सिंह के बारे में जिन्होंने समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान का किला रामपुर में उखाड़ फेंका था। उन्होंने आजम और उनके परिवार से लोहा लेते हुए बड़े ही ईमानदारी से अपने ड्यूटी को निभाया। हालाँकि, उसके बाद उनको दो महीने की ट्रांसफर लीव पर भेज दिया गया। आंजनेय को उसके बाद मुरादाबाद के कमिश्नर पद का कमान दिया गया। मगर अब एक बार फिर केंद्र सरकार ने उनको सेवा विस्तार देकर चर्चाओं का बाजार गर्म कर दिया है।

दरअसल, केंद्र सरकार के तरफ से उनका सेवा विस्तार करते हुए उनका कार्यकाल बढ़ा दिया गया है। अब वो एक साल और उत्तर प्रदेश में अपनी ड्यूटी को ऐसे ही जारी रखेंगे। तो चलिए जानते हैं कौन हैं IAS आंजनेय कुमार सिंह और कैसा रहा उनका अब तक का सफर।

मऊ के सामान्य परिवार से रखते हैं संबंध

IAS आंजनेय सिक्किम कैडर के साल 2005  बैच के आईएएस अफसर हैं। उनका जन्म मऊ के सलाहाबाद गांव में रहने वाले एक एक सामान्य परिवार में हुआ था। आंजनेय के पिता मऊ के डीसीएस खंडेलवाल पीजी कॉलेज में एक टीचर के पद पर कार्यरत थे।

12वीं में कम अंको से परिवार हुआ था शर्मिंदा

आंजनेय के प्रारंभिक जीवन की बात करें तो शुरुआती दौर में वो पढाई में बहुत कमजोर थें। उन्होंने एक इंटरव्यू में बताया है कि उनके 12वीं में मात्र 49 प्रतिशत अंक आए थे, जिसको देखने के बाद उनका पूरा परिवार ने काफी शर्मिंदगी महसूस की।  उसके बाद उन्होंने अपनी आगे की पढ़ाई इलाहाबाद विवि और बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से की, जहां उनके नंबर काफी अच्छे आए।

लास्ट अटेम्प्ट में मिली सफलता

उन्होंने अपना पीजी मॉस कम्युनिकेशन से पूरा किया, फिर कुछ समय बाद जर्नलिज्म में भी उन्होंने अपनी किस्मत आजमाई। इस दौरान 26 वर्षीय आंजनेय ने सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी शुरू की। हालाँकि इस परीक्षा में वो कई बार वह असफल रहे, कई बार निराशा हाथ लगने से वो दुखी भी हुए  मगर उन्होंने अपनी उम्मीद नहीं छोड़ी। अपने लास्ट एटेम्पट में उन्होंने UPSC में सफलता हासिल की।  

आजम को भिजवाया जेल

IAS आंजनेय कुमार सिंह ही वो अधिकारी हैं, जिनकी एक रिपोर्ट के चलते आजम खान और उनका बेटा अब्दुल्ला आजम ने अपनी विधायकी गवां दी।   सपा के सरकार में 16 फरवरी 2015 को वो केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर उत्तर प्रदेश में आए। इसके बाद से ही आंजनेय ने यूपी के कानून व्यवस्था को लेकर अपना सख्त रुख अपनाना प्रारंभ कर दिया था। फरवरी 2019 में लोकसभा चुनाव के समय समाजवादी पार्टी के पूर्व मंत्री और सांसद आजम खान द्वारा आचार संहिता का उल्लंघन करने पर उन्होंने आजम खान और उनके करीबियों पर कड़ी कार्यवाही करते हुए आजम परिवार के राजनीतिक जीवन पर पूर्ण विराम लगाते हुए जेल तक भिजवाया है।

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