कौन है 53वें CJI जस्टिस सूर्यकांत, जीवन, करियर और न्यायालय में उनका सफर

जस्टिस सूर्यकांत आज ने 53वें मुख्यन्यायाधीश के रूप में शपथ ली । इन्होंने जस्टिस बी. आर . गवाई का जगह लिया। इस शपथ ग्रहण का आयोजन  राष्ट्रपति भवन में हुआ ।

जस्टिस सूर्यकांत आज ने 53वें मुख्यन्यायाधीश के रूप में शपथ ली । इन्होंने जस्टिस बी. आर . गवाई का जगह लिया। इस शपथ ग्रहण का आयोजन  राष्ट्रपति भवन में हुआ ।  राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्म ने  जस्टिस सूर्यकांत को 53वें चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) के रूप में शपथ दिलायी ।

इस समारोह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी,  केन्द्रीय गृहमंत्री अमीत शाह, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और अन्य केन्द्रीय मंत्री भी शामिल हुए । पहली बार न्यायपालिका का इतिहास में किसी भारत के मुख्यन्यायाधीश के शपथ ग्रहण समारोह में अन्तरराष्ट्रीय  न्यायाधीश का प्रतिनिधिमंडल मौजूद रहा है। इस समारोह में भूटान,केन्या,मलेशिया,मॉरिशस,नेपाल और श्रीलंका के मुख्यन्यायाधीश और उनका परिवार भी शामिल हुआ ।


बता दे कि वर्तमान CJI जस्टिस बी.आर. गवाई का 23 नवम्बर को पूरा हुआ । जस्टिस बी.आर.गवाई के इस्तीफे के बाद CJI का पद खाली हो गया। अब CJI का पदभार जस्टिस सूर्यकान्त संभालेगे । इनका CJI का  कार्यकाल 14 महीनें यानी 9 फरवरी 2027 तक होगा ।

जानकारी के लिए बता दें कि जस्टिस सूर्यकांत का जन्म हरियाणा के  हिसार जिले के पेटवार गांव में 10 फरवरी 1962 को साधारण परिवार में हुआ था । इनके पिता मदनमोहन शास्त्री संस्कृत के शिक्षक एवं प्रसिद्ध साहित्यकार थे । इनकी माता शशि देवी एक साधारण महिला थीं। जस्टिस सूर्यकांत के तीन भाई और एक बहन थीं।  इन्होंने  मैट्रिक तक पढ़ाई गांव से ही पूरा किया ।  सूर्यकांत  सरकारी स्कूल से कक्षा आठवीं तक पढा़ई  पूरा किया । उस समय स्कूल की हालत ऐसी थी  कि वहॉं पर बच्चों को बैठने के लिए बेंच तक नहीं था। दसवीं की बोर्ड परीक्षा देने के लिए पहली बार हिसार जिले के हांसी कस्बे गये थें।        
जस्टिस सूर्यकांत ने हिसार से ही ग्रेजुएशन की पढ़ाई 1981 में पूरा किया है । महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय रोहतास  से एलएलबी किया । उन्होंने हिसार जिला न्यायालय से अपना कानूनी सफर की शुरुआत की । एक वर्ष तक वकालत करने के बाद 1985 में, पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय में अपनी वकालत शुरू करने के लिए चंडीगढ़  चले गए । इसी  हाईकोर्ट में न्यायाधीश रहते हुए उन्होंने 2011में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के दूरस्थ शिक्षा निदेशालय से कानून में पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री भी हासिल किया ।

न्यायमुर्ति सूर्यकांत का विवाह 1980 में सविता शर्मा से हुई जो  पेशे से लेक्चरर थी और बाद में एक कालेज के प्रिंसिपल के पद से सेवानिवृत्त हुई है । इनकी दो बेटीयॉं भी है । जो इस समय कानून में स्नोकत्तर की पढ़ाई कर रही है ।

Related Articles

Back to top button