
डिजिटल स्टोरी। आज दुनिया में भारत का परचम लहरा रहा है। भारत के चंद्रयान मिशन की दुनियाभर में वाहवाही हो रही है। इसरो के चंद्रयान-3 की ऐतिहासिक कामयाबी की हर कोई तारीफ कर रहा है।जैसे दुनिया भर में भारत के ISRO का डंका बज रहा है। लेकिन ISRO के इस विजयी मिशन के पीछे एक इंसान का नाम फ्रंट पर आ गया वह नाम एस सोमनाथ है। ISRO चीफ एस सोमनाथ वो इंसान है जिन्होंने भारत को चांद पर पहुंचा दिया है।और वो भी चांद के उस छोर पर जहां पर आजतक दुनिया का कोई भी देश कदम नहीं रखा पाया है। एस सोमनाथ चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग से बहुत खुश हैं।उन्होंने कहा कि इसरो का उद्देश्य है कि अंतरिक्ष में विस्तार कर देश को प्रगति की राह पर ले जाए।अब भारत अधिक अंतरग्रहीय मिशन शुरू करने में सक्षम है।

चंद्रयान मिशन का नेतृत्व करने वाले एस सोमनाथ तेज तर्रार स्टूडेंट हुआ करते थे। आज आपको एस सोमनाथ के जीवन से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें बताते हैं…
एस सोमनाथ का जन्म केरल के अलापुझा जिले में साल 1963 में हुआ। सोमनाथ का पूरा नाम श्रीधर परिकर सोमनाथ है। उन्हें आमतौर पर सोम के नाम से बुलाया जाता है।एस सोमनाथ के पिता एक शिक्षक के पद पर हैं।उनकी मां एक गृहणी हैं। उनकी शुरुआती पढ़ाई-लिखाई स्थानीय शिक्षण संस्थानों से हुई। इसके बाद सोमनाथ ने केरल के कोल्लम स्थित टीकेएम कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग में प्रवेश लिया।यहां से उन्होंने मैकेनिकल इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की।इसके बाद उन्होंने बंगलुरु के इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ साइंस से पोस्ट ग्रेजुएशन भी किया।और फिर वह यहां गोल्ड मेडलिस्ट भी रहे।

स्कूल से ही सोमनाथ को साइंस के सबजेक्ट में काफी ज्यादा रुचि थी। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत एयरप्लेन इंजीनियर और रॉकेट टेक्नोलॉजी के तौर पर की थी। आपको जानकारी के लिए बता दें कि 1 जुलाई 2023 को इसरो का chief बनाया गया।खास बात ये भी है कि ISRO कई मिशन में उनकी भूमिका काफी ज्यादा अहम मानी जाती है।लांच किए गए कई मिशन में उन्होंने बेहतरीन काम किया है। चंद्रयान-2 और और गगनयान जैसे प्रोजेक्ट पर भी उन्होंने अच्छा काम किया है जैसा कि आप लोगों को मालूम है कि चंद्रयान 2019 में लॉन्च किया गया था लेकिन तकनीकी खराबी के कारण मिशन असफल रहा था। उसे समय इसरो के प्रमुख के सिवान थे लेकिन 2023 में इनके नेतृत्व में चंद्रयान-3 मिशन को लांच किया गया। आज दुनिया देख ही रही है कि भारत ने वो कीर्तीमान स्थापित किया है जो अपने आप को हाईटेक मानने वाले दूसरे देश भी नहीं कर पाए। इसलिए आज के समय सोमनाथ उन सभी युवाओं के लिए प्रेरणा के स्रोत हैं जो जीवन में निराश हो गए हैं उन्होंने साबित कर दिया कि इंसान को कभी भी प्रयास छोड़ना नहीं चाहिए क्योंकि जो लोग जीवन में प्रयास करते हैं उन्हें सफलता एक दिन जरूर मिलती है।

बता दें कि ISRO प्रमुख सोमनाथ एक नहीं, बल्कि कई विषयों के एक्सपर्ट हैं। वह लॉन्च व्हीकल डिजाइनिंग जानते हैं, उन्होंने लॉन्च व्हीकल सिस्टम इंजीनियरिंग, स्ट्रक्चरल डिजाइन, स्ट्रक्चरल डायनेमिक्स, मैकेनिज्म डिजाइन वो कमान हासिल किया है।जिसका कोई मुकाबला नहीं है।इसके अलावा पायरोटेक्निक में भी उन्होंने काबिलियत हासिल की है। व्हीकल स्ट्रक्चर सिस्टम,स्ट्रक्चरल डायनेमिक, मेकैनिज्म और व्हीकल इंटीग्रेशन को कैसे लांच किया जाता है उसके बारे में उनके पास बिल्कुल सटीक जानकारी है।
इसी के साथ चलिए आपको एस सोमनाथ के फैमिली के बारे में भी बताते हुए चलते हैं, एस सोमनाथ की उनकी पत्नी का नाम वलसाला है जो की मिनिस्ट्री ऑफ फाइनेंस विभाग में काम करती है इनके दो बच्चे भी हैं और दोनों ही इंजीनियर के क्षेत्र में है। अब ISRO अपने अतंरिक्ष के अगले मिशन की ओर रुख कर रहा है। अतंरिक्ष में अपने नए– नए मिशन को लाने के लिए एस सोमनाथ का विजन का काफी ज्यादा स्ट्रॉग है। तभी तो वो स्पेस में अपने दूसरे मिशन की प्लानिंग को काफी हद तक पूरा कर चुके है। ISRO के फ्यूचर प्लान वाले मिशन की बात करें तो अब सोमनाथ ने कहा है कि हम चांद, मंगल सहित शुक्र पर अधिक यात्रा करने के लिए सक्षम हैं।मतलब की ISRO अपने मिशन आदित्य L-1,गगनयान,मंगलयान-2 को लॉन्च करेगा।









