Ambedkar Death Anniversary 2023: भारतीय संविधान के निर्माता और भारत रत्न बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर का बुधवार को पुण्यतिथि है। छह दिसंबर 1956 में उनका निधन हुआ था। इस दिन को महापरिनिर्वाण दिवस के रूप में मनाया जाता है। वह समाज में वर्ण व्यवस्था और छुआछूत को खत्म करना चाहते थे। लेकिन अपने अंतिम समय में
उन्होंने 1956 में बौद्ध धर्म अपना लिया था। इस अवसर पर पीएम से लेकर सीएम सभी ने उन्हें श्रद्धांजलि दी।
बाबा साहेब अपना पूरा जीवन गरीब और दलितों के उत्थान में लगा दिया था। ऐसे में बौद्ध अनुयायियों का मानना है कि अंबेडकर अपने कार्यों से निर्वाण कर चुके हैं। यही कारण है कि प्रत्येक वर्ष उनकी पुण्यतिथि को महापरिनिर्वाण के रूप में मनाया जाता है। इस दिन उनके प्रतिमा पर फूल माला चढ़ाकर और मोमबत्ती जलाकर उन्हें श्रद्धांजलि दिया जाता है।
बाबा साहेब शोषितों और वंचितों के कल्याण के लिए अपना जीवन समर्पित-पीएम मोदी
पूज्य बाबासाहेब भारतीय संविधान के शिल्पकार होने के साथ-साथ सामाजिक समरसता के अमर पुरोधा थे, जिन्होंने शोषितों और वंचितों के कल्याण के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। आज उनके महापरिनिर्वाण दिवस पर उन्हें मेरा सादर नमन।
पूज्य बाबासाहेब भारतीय संविधान के शिल्पकार होने के साथ-साथ सामाजिक समरसता के अमर पुरोधा थे, जिन्होंने शोषितों और वंचितों के कल्याण के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। आज उनके महापरिनिर्वाण दिवस पर उन्हें मेरा सादर नमन।
— Narendra Modi (@narendramodi) December 6, 2023
सीएम योगी आदित्यनाथ ने दी श्रद्धांजलि
आधुनिक भारत के निर्माण में अविस्मरणीय योगदान देने वाले बाबा साहब डॉ. भीमराव आंबेडकर का पूरा जीवन लोकतंत्र की जीवंत पाठशाला है। संविधान शिल्पी, ‘भारत रत्न’ बाबा साहब का हर कार्य, हर निर्णय ‘अंत्योदय’ को समर्पित था। ऐसे हुतात्मा को उनके महापरिनिर्वाण दिवस पर विनम्र श्रद्धांजलि!
आधुनिक भारत के निर्माण में अविस्मरणीय योगदान देने वाले बाबा साहब डॉ. भीमराव आंबेडकर का पूरा जीवन लोकतंत्र की जीवंत पाठशाला है।
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) December 6, 2023
संविधान शिल्पी, 'भारत रत्न' बाबा साहब का हर कार्य, हर निर्णय 'अंत्योदय' को समर्पित था।
ऐसे हुतात्मा को उनके महापरिनिर्वाण दिवस पर विनम्र श्रद्धांजलि! pic.twitter.com/9B86kcjN6z
बसपा सुप्रीमो ने बाबासाहेब को श्रद्धांजलि अर्पित कर सरकार पर साधा निशाना
लगभग 140 करोड़ की विशाल आबादी वाले भारत के ग़रीबों, मज़दूरों, दलितों, आदिवासियों, अति पिछड़ों सहित अपेक्षित बहुजनों के मसीहा व देश के मानवतावादी समतामूलक संविधान के निर्माता भारत रत्न परम पूज्य बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर को आज उनके परिनिर्वाण दिवस पर अपार श्रद्धा-सुमन अर्पित। किन्तु देश के 81 करोड़ से अधिक ग़रीब लोगों को पेट पालने के लिए सरकारी अन्न के मोहताज का जीवन बना देने जैसी दुर्दशा ना यह आज़ादी का सपना था और ना ही उनके लिए कल्याणकारी संविधान बनाते समय बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर ने सोचा था, यह स्थिति अति-दुःखद।
2. किन्तु देश के 81 करोड़ से अधिक ग़रीब लोगों को पेट पालने के लिए सरकारी अन्न के मोहताज का जीवन बना देने जैसी दुर्दशा ना यह आज़ादी का सपना था और ना ही उनके लिए कल्याणकारी संविधान बनाते समय बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर ने सोचा था, यह स्थिति अति-दुःखद।
— Mayawati (@Mayawati) December 6, 2023