BSP के रितेश पर क्यों रीझि BJP? यहाँ पढ़ें परदे के पीछे की पूरी Inside Story

रितेश पांडेय का BSP से इस्तीफा देना और भारतीय जनता पार्टी से नजदीकियां बढ़ना आखिर यूपी के सियासत में क्या बदलाव लाएगा...?

डिजिटल डेस्क: जैसे जैसे लोकसभा चुनाव नजदीक आ रही है यूपी के राजनीती में दल बदलने का खेल भी शुरू हो चुका है। अब अंबेडकरनगर से बहुजन समाज पार्टी के सांसद रितेश पांडेय ने भी पाला बदल लिया और भगवा पताका पहनकर भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ले ली। रितेश पांडेय का बीएसपी से इस्तीफा देना और भारतीय जनता पार्टी से नजदीकियां बढ़ना आखिर यूपी के सियासत में क्या बदलाव लाएगा…? चलिए दिखाते हैं आपको कैसे विपक्षी गठबंधन के दौरान रितेश और बीजेपी के बीच अलग ही गेम चल रहा था।

रितेश पांडे का BSP छोड़ना कोई आश्चर्य की बात नहीं….

उत्तर प्रदेश में साथ छोड़ हाथ पकड़ और हाथी छोड़ साथी पकड़ से राजनीतिक सरगर्मियां बढ़ गई हैं। चुनाव को देखते हुए पार्टियों में उलटफेर का दौर तेजी से चल रहा है। अब इस दल बदल खेल के नए खिलाड़ी बने हैं बसपा रितेश पांडे, जिन्होंने हाथी की सवारी छोड़ कमल का साथ पकड़ा है। मगर रितेश और बीजेपी का यह साथ अचानक लिया गया फैसला नहीं है। इस फैसले के पीछे गहनता से बनाई गई रणनीति और उच्च स्तर पर हुई बैठक ने खास किरदार निभाया है।

पिछले लोकसभा चुनाव में हारी हुई सीटों पर BJP की रणनीति फिक्स

दरअसल, यूपी के पिछले लोकसभा चुनाव में जिन 14 सीटों पर बीजेपी को हार मिली थी, इस चुनाव में उन्हीं सीटों पर पार्टी ने काम करना काफी पहले से शुरू कर दिया था। कल देर शाम तक उन्हीं हारी हुई 14 सीटों पर बीजेपी लीडरशिप की बैठक भी हुई थी और उसी रणनीति के तहत आज अम्बेडकर नगर से सांसद रितेश ने बीजेपी ज्वाइन किया है।

PM मोदी के साथ पार्लियामेंट में लंच करते हुए नजर आए थे रितेश पांडेय

अपने इस्तीफा में BSP सांसद रितेश ने पार्टी पर आरोप लगाते हुए बैठकों में न बुलाना मुख्य कारण बताया, जहाँ एक तरफ पार्टी पर  दूसरी तरफ कमल का साथ पाने के बाद उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ भी की। हाल ही में वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ पार्लियामेंट में लंच करते हुए नजर आए थे। दिलचस्प बात यह थी कि PM के लंच इनविटेशन में संसद के आठ सदस्यों का नाम था। जिनमे बीजेपी नेताओं के साथ साथ दूसरे दल के भी सांसद शामिल थे, उन्हीं में 9 फरवरी को रितेश पांडेय भी शामिल थे। उसी दौरान रितेश पांडेय के बीजेपी में जाने के अटकलें उठने लगी थी।

ऐसे में चुनावी माहौल के बीच राजनीतिक गलियारों में ये चर्चाएं काफी समय से चल रही है कि बीजेपी के तरफ से विपक्षी दलों के प्रभावशाली नेताओं को अपने खेमें में जोड़ने की कोशिश हो रही है। आज रितेश का बीजेपी में जाने से यह प्रतीत होता है की इस कोशिश में वो कुछ हद तक कामयाब भी हो रही है।

लेखक- विश्वेश तिवारी (डिजिटल एसोसिएट, भारत समाचार)

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