
यूक्रेन और रूस के बीच छिड़े युद्ध में NATO समेत अमेरिका ने बड़े पैमाने पर हथियार गोलाबारूद समेत आर्थिक मदद दी थी। अब अमेरिका में सत्ता परिवर्तन ह्रदय परिवर्तन भी हुआ है और अमेरिकी नीतियों में भी काफी परिवर्तन देखने को मिल रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने भी मंगलवार को कहा कि अमेरिका अब तक यूक्रेन को 300 से 500 अरब डॉलर की मदद कर चुका है। इतना ही नहीं डोनाल्ड ट्रंप ने इस युद्ध की पटकथा लिखने का जिम्मेदार भी जेलेंस्की को ही बताया। साथ ही उन्होंने ये स्पष्ट भी कर दिया कि जो मदद उन्होंने यूक्रेन को दी उसके बदले में यूक्रेन से इसकी भरपाई करवाएंगे। जेलेंस्की को भी इससे कोई आपत्ती नहीं थी उनका कहना था जो रकम अमेरिका से मदद के रूप में मिली है उसकी भरपाई करने में 10 पीढ़ी खप जाएगी। इसलिए वे इस डील के लिए तैयार हैं। लेकिन रूस से सुरक्षा की गारंटी की शर्त पर ही वे ऐसा करेंगे।
शुक्रवार की वार्ता विफल
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के बीच शुक्रवार को ओवल ऑफिस में हुई बैठक के दौरान माहौल गरम हो गया। दोनों में तीखी बहस हुई और वार्ता विफल हो गई। ट्रंप ने जेलेंस्की को चेतावनी देते हुए कहा कि उनकी नीतियां सीधे तौर पर तीसरे विश्व युद्ध को न्योता दे रहीं हैं।
किन खनिजों की डील करना चाहता है अमेरिका
यूक्रेन में बड़े पैमाने पर लीथियम, टाइटेनियम, यूरेनियम है। इसके अलावा रेयर अर्थ मटेरियल का दुनिया का कुल 5 प्रतिशत है। जिसकी कुल कीमत 15 लाख करोड़ डॉलर है। यही वजह है अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप इसमें इतनी रुचि ले रहे लेकिन शुक्रवार की वार्ता विफल हो जाने के बाद और जेलेंस्की का सुरक्षा की गारंटी की जिद्द के बाद अब क्या होगा ये आगे ही पता चलेगा। हालांकि, जंग के बाद इनमें से कई रूस के कब्जे में पहुंच गए हैं। यूक्रेनी मंत्री यूलिया स्विरीडेन्को के मुताबिक रूस के कब्जे वाले यूक्रेनी हिस्से में 350 अरब डॉलर के खनिज हैं।