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क्या 2007 का फॉर्मूला फिर से होगा कामयाब? मायावती की ओबीसी बैठक से राजनीति में हलचल! जानें पूरी खबर

अब हर जिले में दलित, ओबीसी और मुस्लिम तथा सवर्ण जातियों के बीच भाईचारा बढ़ाने के लिए अलग-अलग कमेटियां बनाई जाएंगी। ये कमेटियां पार्टी के...

BSP (बहुजन समाज पार्टी) अध्यक्ष मायावती ने आज ओबीसी (आदिवासी, पिछड़ा और अन्य पिछड़ा वर्ग) समाज के जनाधार को बढ़ाने के लिए एक अहम बैठक बुलाई है। यह बैठक बीएसपी के कार्यालय में सुबह 11 बजे से शुरू होगी। बैठक में खासतौर पर ओबीसी समाज की स्थिति और पार्टी के लिए इसे मजबूत बनाने की दिशा में उठाए गए कदमों पर चर्चा होगी।

2027 के चुनाव की रणनीति

बीएसपी अध्यक्ष मायावती की आज की बैठक में ओबीसी वर्ग की स्थिति और पार्टी के लिए जनाधार को कैसे बढ़ाया जाए, इस पर गहरी चर्चा होगी। पार्टी की पुरानी रणनीति और 2007 में तैयार किए गए फार्मूले को ध्यान में रखते हुए 2027 के चुनाव की रणनीति बनाई जाएगी। पार्टी ने पिछड़ा वर्ग, मुस्लिम और सवर्ण जातियों के साथ अपना गठजोड़ मजबूत करने के लिए कार्य शुरू किया है।

भाईचारा कमेटियों का पुनर्गठन

2007 में बीएसपी ने दलित और पिछड़ा वर्ग के बीच भाईचारे को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न भाईचारा कमेटियां बनाई थी, जिनका कार्यकाल 2012 में समाप्त हो गया था। इसके बाद इन कमेटियों का पुनर्गठन नहीं किया गया था, लेकिन अब पार्टी ने फिर से इन कमेटियों के गठन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। ओबीसी-दलित भाईचारा कमेटी के पदाधिकारी इस बैठक में शामिल होंगे और इस पहल की सफलता के बारे में चर्चा करेंगे।

सूबे के हर जिले में होगा गठन

BSP की रणनीति के अनुसार, अब हर जिले में दलित, ओबीसी और मुस्लिम तथा सवर्ण जातियों के बीच भाईचारा बढ़ाने के लिए अलग-अलग कमेटियां बनाई जाएंगी। ये कमेटियां पार्टी के जनाधार को मजबूत करने के लिए काम करेंगी और विशेष रूप से इन वर्गों के बीच रिश्तों को सुधारने और सशक्त बनाने का कार्य करेंगी।

मायावती की रणनीति

मायावती की कोशिश है कि पार्टी को पहले जैसे मजबूत जनाधार तक वापस लाया जाए, जो 2007 के चुनावों में था। पिछड़ा वर्ग, मुस्लिम और सवर्ण जातियों को साथ लाकर एक मजबूत सियासी गठबंधन बनाने की पार्टी की योजना है। इसके लिए अलग-अलग जिलों में कार्यकर्ताओं और नेताओं की नियुक्ति की जाएगी, ताकि पार्टी का असर और जन समर्थन बढ़ सके।

बैठक में कौन होंगे शामिल

इस महत्वपूर्ण बैठक में पार्टी के प्रदेश पदाधिकारी और ओबीसी भाईचारा कमेटी के सदस्य भी मौजूद रहेंगे। मायावती खुद बैठक में शामिल होंगी और इस बैठक में ओबीसी वर्ग के जनाधार को बढ़ाने के लिए रणनीतियों पर चर्चा करेंगी। वही इस बैठक के जरिए बीएसपी अपनी पुरानी रणनीतियों को नए रूप में पेश करने की कोशिश कर रही है, जिससे पार्टी का जनाधार फिर से मजबूत हो सके। खासकर ओबीसी वर्ग के बीच अपनी पकड़ को मजबूत करने और अन्य समाजों के साथ भाईचारा बढ़ाने की दिशा में मायावती की यह पहल अहम साबित हो सकती है।

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