
भारत की प्रमुख फूड डिलीवरी कंपनी स्विगी और श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के बीच एक महत्वपूर्ण सहयोग समझौता (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए हैं। इस साझेदारी का उद्देश्य देश में रोजगार के अवसरों को बढ़ाना और निजी-सरकारी भागीदारी के माध्यम से श्रम बाजार में मांग और आपूर्ति के बीच के अंतर को कम करना है।
फिलहाल 500 से अधिक शहरों में अपनी सेवाएं दे रही स्विगी ने अब तक करीब 5 करोड़ रोजगार अवसरों को अपने प्लेटफॉर्म पर सूचीबद्ध किया है। यह साझेदारी खासतौर पर कुशल श्रमिकों और नियोक्ताओं के बीच बेहतर कनेक्शन स्थापित करने की दिशा में एक बड़ा कदम मानी जा रही है।
श्रम एवं पर्यावरण मंत्री मनसुख मांडविया ने इस मौके पर कहा,“नेशनल करियर सर्विस (NCS) पोर्टल एक सिंगल विंडो सिस्टम बनता जा रहा है, जहां नियोक्ता आसानी से अपनी जरूरत के मुताबिक योग्य कर्मचारियों को खोज सकते हैं।”
उन्होंने आगे बताया कि ‘श्रमीक पोर्टल’ पर अब तक 31 करोड़ से अधिक लोगों का डेटा दर्ज है, और इसका एनसीएस पोर्टल से एकीकरण रोजगार की दुनिया में क्रांतिकारी बदलाव ला सकता है।
मांडविया ने कहा कि अब कंपनियां बिना विज्ञापन दिए सीधे प्लेटफॉर्म पर जाकर जैसे नोएडा के 50 किमी दायरे में 50 सिविल इंजीनियर तक पहुंच बना सकती हैं। उन्होंने यह भी बताया कि स्विगी अकेले अगले 2-3 वर्षों में 10 से 12 लाख नई नौकरियां पैदा करने की योजना में है।
स्विगी के ऑपरेशंस इंचार्ज सलभ श्रीवास्तव ने कहा, “स्विगी ने पिछले एक दशक में लाखों रोजगार के अवसर सृजित किए हैं। एनसीएस के साथ साझेदारी से हम और अधिक कुशल लोगों तक पहुंच बना पाएंगे।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि एनसीएस प्लेटफॉर्म से जुड़ने से भर्ती प्रक्रिया तेज और अधिक प्रभावशाली होगी।
इस साझेदारी को भारत में रोजगार सेवाओं को डिजिटल तकनीक के साथ जोड़ने और श्रम बाजार को अधिक समावेशी एवं कुशल बनाने की दिशा में एक मजबूत कदम माना जा रहा है। यह पहल मोदी सरकार की ‘विकसित भारत’ की परिकल्पना को साकार करने में मील का पत्थर साबित हो सकती है।









