
2020 में केवल 1.90% से बढ़कर 2024 में 14% तक पहुँची महिलाओं की भागीदारी
भारत के नॉन-टेक सेक्टर्स में कॉन्ट्रैक्चुअल टेक्नोलॉजी भूमिकाओं में महिला प्रतिनिधित्व में धीरे-धीरे बढ़ोतरी देखने को मिल रही है।
टीमलीज़ डिजिटल की रिपोर्ट के अनुसार:
- 2020 में महिला प्रतिनिधित्व था केवल 1.90%
- 2023 में बढ़कर हुआ 11.8%
- 2024 में यह पहुँचा 14%, जो समावेशिता की दिशा में अहम कदम है।
बीएफएसआई और हेल्थकेयर में महिलाएं आगे, मैन्युफैक्चरिंग और एनर्जी में पिछड़ रहीं
- BFSI में महिला प्रतिनिधित्व 46.88%
- लाइफ साइंसेज और हेल्थकेयर में 29.58%
- मैन्युफैक्चरिंग और इंजीनियरिंग में केवल 4.82%
- ऊर्जा क्षेत्र (एनर्जी) में मात्र 6.25%
कारण: पारंपरिक सोच, स्किल की कमी और कठोर भर्ती नीतियां।
नेतृत्व स्तर पर गंभीर असमानता
- सीनियर लेवल पर महिलाओं की भागीदारी केवल 3.35%
- मिड-लेवल पर 4.07% और एंट्री लेवल पर 3.03%
- हालांकि, 2023 से 2024 के बीच सीनियर लेवल पर महिला भागीदारी 3.95% से बढ़कर 4.86% हुई।
समाधान: स्किलिंग और इक्विटी पर ज़ोर
टीमलीज़ डिजिटल की सीईओ नीति शर्मा ने कहा,
“अब समय है कि कंपनियां महिलाओं को समान संसाधन उपलब्ध कराएं, बाधाओं को दूर करें और उन्हें नेतृत्व के लिए सशक्त बनाएं। इससे विविध प्रतिभा का लाभ मिलेगा और नवाचार तथा स्थायी विकास को बढ़ावा मिलेगा।”









