विश्व बैंक और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने भारत की वृद्धि क्षमता को सराहा

उन्होंने कहा कि भारत की वृद्धि क्षमता से, हम विश्वव्यापी व्यापार को बढ़ावा देने में मदद कर सकते हैं, जो वर्तमान में विभिन्न अनिश्चितताओं के कारण धीमा चल रहा है।


वॉशिंगटन- केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि भारत की वृद्धि क्षमता को विश्व बैंक और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) जैसे वैश्विक संस्थानों द्वारा पहचाना गया है और भारत अब वैश्विक आर्थिक विकास के लिए एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी बन चुका है।

भारतीय प्रवासियों को संबोधित करते हुए सीतारमण ने कहा, “जब हम कहते हैं कि भारत सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था है, और जब IMF या विश्व बैंक यह मानते हैं कि भारत, चीन और अन्य कई देश वैश्विक व्यापार को खींचने का इंजन बन सकते हैं, जो अभी नकारात्मक या सिर्फ सकारात्मक क्षेत्र में है, तो यह भारत में मौजूद वृद्धि क्षमता को स्वीकार करना है।”

भारत की विकास यात्रा और भविष्य की दिशा
सीतारमण ने वैश्विक व्यापार की वर्तमान स्थिति पर भी चर्चा की और भारत की अर्थव्यवस्था की वृद्धि को वैश्विक आर्थिक परिदृश्य के बीच अहम बताया। उन्होंने कहा कि भारत की वृद्धि क्षमता से, हम विश्वव्यापी व्यापार को बढ़ावा देने में मदद कर सकते हैं, जो वर्तमान में विभिन्न अनिश्चितताओं के कारण धीमा चल रहा है।

सीतारमण ने भारत सरकार के “विकसित भारत” के विज़न की भी बात की, जो 2047 तक देश को विकसित राष्ट्र बनाने पर केंद्रित है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में सरकार का ध्यान चार मुख्य स्तंभों पर है: महिलाएं, वंचित वर्ग, युवा और किसान।

भारत के ‘सन्स्राइज सेक्टर्स’ और डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना पर ध्यान
उन्होंने भारत के “सन्स्राइज सेक्टर्स” पर भी जोर दिया, जो क्षमता निर्माण के लिए महत्वपूर्ण हैं, खासकर डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना (DPI) में जहां भारत ने वैश्विक स्तर पर एक नेता के रूप में उभरने का अवसर पाया है।

अंतर्राष्ट्रीय बैठक में भागीदारी
सीतारमण अपनी अमेरिका यात्रा के दौरान, 22-25 अप्रैल तक वॉशिंगटन में अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) और विश्व बैंक की स्प्रिंग बैठक, G20 वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक गवर्नरों की 2nd बैठक, विकास समिति, IMFC और GSDR बैठक में भाग लेंगी।

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