World : चाइनीज जासूसी गुब्बारे को गिराना मुश्किल, AI से हो रहा संचालित- अमेरिकी रक्षा विशेषज्ञ

वाशिंगटन में मैराथन इनिशिएटिव थिंक टैंक में सर्विलांस विशेषज्ञ विलियम किम ने एएफपी को बताया कि उन्नत कृत्रिम बुद्धिमत्ता तकनीक से संचालित हो रहे इस कथित जासूसी गुब्बारे को नीचे गिराना मुश्किल है क्योंकि इससे नागरिकों के हताहत होने का भय रहता है."

अमेरिका-चीन संबंधों में खटास बढ़ती जा रही है. बीते दिनों अमेरिकी हवाई क्षेत्र में दिखे संदिग्ध चीनी गुब्बारे ने दोनों देशों के बीच तनाव को और बढ़ा दिया. अमेरिकी रक्षा एजेंसी पेंटागन ने इसे नीचे नहीं गिराने का फैसला किया क्योंकि इससे जमीन पर लोगों को नुकसान हो सकता था. बताया जा रहा है कि अमेरिकी हवाई क्षेत्र में देखा गया गुब्बारा दरअसल एक ‘जासूसी’ गुब्बारा था जो चीन की हिमाकत का नतीजा था.

समाचार एजेंसी एपी के हवाले से एक वरिष्ठ रक्षा अधिकारी ने सकहा कि पेंटागन पूरी विशवास से कह सकता है कि चाइनीज बलून कुछ संवेदनशील जगहों के ऊपर सूचनाएं इक्कट्ठा करने के लिए उड़ाया गया था. एपी ने बताया कि गुब्बारे को मोंटाना में देखा गया था. मोंटाना, अमेरिकी मॉमस्ट्रॉम वायु सेना बेस के पास स्थित है जहां अमेरिका की तीन परमाणु मिसाइल प्रक्षेपास्त्र मौजूद हैं.

संदिग्ध गुब्बारे को देखकर एक मोंटाना निवासी ने एपी को बताया, “मुझे लगा कि शायद यह एक यूएफओ था.” वहीं मोंटाना के गवर्नर ग्रेग जियानफोर्ट ने एक बयान में कहा, “जासूसी के गुब्बारे से लेकर चीनी कम्युनिस्ट पार्टी तक टिकटॉक के माध्यम से अमेरिकियों पर जासूसी करने से लेकर अमेरिकी कृषि भूमि खरीदने वाली सीसीपी से जुड़ी कंपनियों तक, मैं अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरनाक बनती जा रही इस श्रृंखला से बहुत परेशान हूं.”

कथित चाइनीज जासूसी गुब्बारे को लेकर एक अमेरिकी रक्षा विशेषज्ञ ने शुक्रवार को कहा कि पेंटागन ने पाया कि अति संवेदनशील अमेरिकी बैलिस्टिक मिसाइल साइटों को उन्नत कृत्रिम बुद्धिमत्ता तकनीक द्वारा निर्देशित किया जा सकता है. वहीं वाशिंगटन में मैराथन इनिशिएटिव थिंक टैंक में सर्विलांस विशेषज्ञ विलियम किम ने एएफपी को बताया कि उन्नत कृत्रिम बुद्धिमत्ता तकनीक से संचालित हो रहे इस कथित जासूसी गुब्बारे को नीचे गिराना मुश्किल है क्योंकि इससे नागरिकों के हताहत होने का भय रहता है.”

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