
एज़्टेक काल से लेकर आज की मिठाइयों तक… जानिए चॉकलेट की दिलचस्प यात्रा
7 जुलाई यानी World Chocolate Day, वो दिन जब मीठा खाना न सिर्फ जायज़ है, बल्कि ज़रूरी भी लगता है। दुनिया भर के चॉकलेट प्रेमियों के लिए ये दिन किसी त्यौहार से कम नहीं होता। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस स्वादिष्ट मिठास की शुरुआत मुद्रा से हुई थी? जी हां, कभी चॉकलेट पीने और सिक्कों की जगह इस्तेमाल करने वाली चीज़, आज लोगों के दिल का हिस्सा बन चुकी है।
इतिहास की कुछ मीठी परतें:
वर्ल्ड चॉकलेट डे मनाने की शुरुआत 1550 में यूरोप से हुई थी।
एज़्टेक सभ्यता में चॉकलेट को सिर्फ मिठाई नहीं, बल्कि मूल्यवान संपत्ति माना जाता था।
चॉकलेट का प्रारंभिक रूप एक कड़वा पेय था, जिसमें शहद या मिर्च मिलाई जाती थी।
कोको की उत्पत्ति अमेजन जंगलों से मानी जाती है।
आज दुनिया का लगभग 30% कोको अफ्रीका में उगाया जाता है।
रोचक तथ्य:
चॉकलेट में पाया जाने वाला थियोब्रोमाइन मूड को बेहतर बनाता है।
डार्क चॉकलेट दिल के लिए फायदेमंद मानी जाती है।
स्विट्ज़रलैंड प्रति व्यक्ति सबसे ज्यादा चॉकलेट खपत वाला देश है।
आज के दिन सिर्फ चॉकलेट खाइए ही नहीं, बल्कि उसकी इतिहास और सांस्कृतिक यात्रा को भी महसूस कीजिए। वो स्वाद, जो कभी राजा-रानियों के कक्षों से शुरू हुआ था, अब हर किसी की जेब और दिल में जगह बना चुका है।









