
फ्रांस में कुछ समूहों का उग्र प्रदर्शन चल रहा है. कुछ लोग दुकानों, कार और सार्वजनिक संपत्ति को आग के हवाले कर रहे हैं. पुलिस के अधिकारी शांति व्यवस्था स्थापित करने में जुटे हुए हैं. वहीं राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रो जनता से शांति बनाएं रखने की अपील कर रहे हैं. मामला दरअसल, एक 17 वर्षीय अफ्रीकी मूल के लड़के की कथित हत्या से जुड़ा हुआ है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मंगलवार को ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन के आरोप में 17 वर्षीय नाहेल नाम के लड़के की पुलिस द्वारा गोली मार कर हत्या कर दी गई. घटना में पुलिस को मुख्य दोषी बताया जा रहा है. पुलिस पर जानबूझकर नाहेल की हत्या करने का आरोप है. पूरे घटनाक्रम को लेकर सरकारी वकील पास्कल प्राचे ने बताया की यह घटना उत्तर पश्चिम पेरिस से 11 किमी की दुरी पर स्थित नैनटेरे के पास घटित हुई.
उन्होंने बताया कि मंगलवार की सुबह 7:55 के आस पास मोटर साइकिल पुलिस ने एक मर्सिडीज को देखा. जिसमें एक युवा चालक और दो यात्री बस लेन में तेज गति से ड्राइव कर रहे थे. पुलिस ने दो बार कार को रुकने और पार्क करने का संकेत देने की कोशिश की. लेकिन चालक ने गाड़ी चलाना जारी रखा. इसके बाद दोनों पुलिसकर्मियों ने गाड़ी का पीछा किया.
मर्सिडीज को एक ट्रैफिक लाइट पर रुकना पड़ा, जिस पर पुलिस ने ड्राइवर को गाड़ी बंद करके बाहर आने को कहा. पुलिस अधिकारियों ने कहा कि ड्राइवर को गाड़ी से उतर कर भाग जाने से रोकने के लिए उन्होंने अपने हथियार निकाल लिए और उस पर निशाना साधा. बावजूद इसके ड्राइवर गाड़ी छोड़कर जाने लगा, जिस पर पुलिस ने गोली चलाने का फैसला किया.
पुलिस का कहना है कि इसके बाद उन्होंने फायर किया और एक गोली ड्राइवर नाहेल की बांह और सीने में लगी और कार दुर्घटनाग्रस्त हो गई. इस बीच कार सवार एक शख्स भागने में कामयाब रहा. सुबह 8:21 बजे फायर ब्रिगेड को घटनास्थल पर बुलाया गया. उन्होंने नाहेल को प्राथमिक उपचार दिया लेकिन उसकी जान ना बच सकी.
इसलिए भड़की हिंसा
नाहेल उत्तर अफ्रीकी मूल का था. नाहेल की कथित हत्या ने फ्रांस में कानून प्रवर्तन एजेंसियों के अंदर पुलिस हिंसा और प्रणालीगत नस्लवाद की लंबे समय से चली आ रही शिकायतों को हवा दी है और इन आरोपों ने भयावह हिंसा का रूप ले लिया. फ्रांस की मानवाधिकार संस्थाएं और तमाम सामाजिक समूहों ने इस वारदात को नस्लवाद से जोड़ दिया है. पुलिस पर एक विशेष नस्ल के खिलाफ आतातायी होने और क्रूरता दिखाने का आरोप लगा है.
फ्रांस के तमाम अधिकार समूहों ने प्रदर्शन का आह्वान किया, जिसके बाद पेरिस की सड़कों पर हज़ारों लोग उतर आए. इसके बाद हालात बिगड़े और प्रदर्शन के दौरान जमकर हिंसा और आगजनी हुई. इस विरोध प्रदर्शन में 200 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हो गए हैं. वहीं 400 से अधिक उपद्रवियों को गिरफ्तार किया गया है. अलग-अलग इलाकों में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है. राष्ट्रपति मैक्रो ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है.









