पाकिस्तान के बंदरगाहों वाले शहर ग्वादर में रविवार को बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया। स्थानीय लोग बड़ी संख्या में इक्कट्ठा होकर शहर के मुख्य चौराहे पर नारेबाजी करने लगे। दरअसल, पाकिस्तान का ग्वादर बंदरगाह इलाका, चीन के अरबों डॉलर की परियोजना बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (Belt And Road Initiative) का एक अहम हिस्सा है। चीन के इस महत्वाकांक्षी परियोजना के कारण यहां की आबादी का एक बड़े तबके की आजीविका खतरे में पद गयी है। यहां पाकिस्तान सरकार के द्वारा अनावश्यक चेक पोस्ट्स बना दिए गए हैं जिससे लोगों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
चीनी बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव परियोजना और अवैध रूप से चल रहे मछली पकड़ने के कारोबार इलाके में पानी और बिजली की भारी कमी नजर आ रही है। इससे बड़ी संख्या में लोगों की आजीविका खतरे में पड़ रही है। इन सब कारणों से चीन की अरबों डॉलर वाली बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव परियोजना के खिलाफ देश में लोगों बढ़ती प्रतिक्रिया दिखाई दे रही हैं।
पाकिस्तान के दक्षिण-पश्चिम बलूचिस्तान प्रांत के तटीय शहर ग्वादर में पोर्ट रोड के Y-चौक पर कुछ राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं, नागरिक अधिकार कार्यकर्ताओं, मछुआरों और संबंधित नागरिकों द्वारा आयोजित विरोध प्रदर्शन पिछले एक सप्ताह से चल रहा है। ग्वादर शहर के जैंग नाम के एक अखबार की खबर के मुताबिक, प्रदर्शनकारी अनावश्यक सुरक्षा चौकियों को हटाने, पीने के पानी और बिजली की उपलब्धता, मकरान तट से मछली पकड़ने वाली बड़ी नौकाओं को हटाने और ईरान से लगी सीमा को पंजगुर से ग्वादर तक खोलने की मांग कर रहे हैं।
‘गिव राइट्स टू ग्वादर (Give Rights To Gwadar)’ रैली के प्रमुख मौलाना हिदायत उर रहमान ने कहा कि सरकार क्षेत्र में रहने वाले स्थानीय लोगों की समस्याओं को हल करने के लिए गंभीर नहीं है। इसलिए जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जाती तब तक विरोध जारी रहेगा।