भारत अफगानिस्तान के पुनर्निर्माण को लेकर पिछले काफी समय से सक्रिय है। और साथ ही अहम भूमिका भी निभा रहा है। भारत ने अफगानिस्तान में विकास के लिए करीब तीन अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक खर्च किए है। भारत के सहयोग को तालिबान भी स्वीकार करता है। काबुल पर तालिबानी कब्जे के बाद चाहे जी20 शिखर सम्मेलन हो, ब्रिक्स हो या फिर द्विपक्षीय चर्चा, भारत, अफगानिस्तान के मुद्दे को प्रमुखता से सभी मंचो पर उठा रहा है।
अफगानिस्तान के मुद्दे पर चर्चा करने के लिए भारत ने एक बेहद अहम बैठक का आयोजन किया है। इस क्षेत्रीय वार्ता में भाग लेने के लिए रूस, ईरान और सभी पांच मध्य एशियाई देशों के सात सुरक्षा अधिकारी मंगलवार को दिल्ली पहुंचेंगे। पांच मध्य एशियाई देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के अलावा रूस और ईरान भी अफगानिस्तान पर दिल्ली में आयोजित बैठक में भाग लेगें।
इस अहम बैठक की अध्यक्षता भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल करेंगे। इससे पहले ईरान ने इसी तरह के प्रारूप में संवादों की मेजबानी की थी। यह 2018 और 2019 में ईरान द्वारा शुरू किए गए प्रारूप की निरंतरता है, हालांकि, इस बार संवाद में सात देशों की सबसे अधिक भागीदारी होगी। भारत ने पाकिस्तान और चीन को आमंत्रित किया था। फिलहाल , दोनों ही देशों ने इस बैठक मे हिस्सा लेने से मना कर दिया है।