उत्तर प्रदेश सरकार ने गुरुवार को एक बयान में कहा कि राज्य में कोविड-19 की दूसरी घातक लहर के दौरान ऑक्सीजन की कमी के कारण कोई मौत नहीं हुई है। यह बयान यूपी के स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह ने विधान परिषद के तृतीय सत्र के प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस सदस्य दीपक सिंह द्वारा उठाए गए एक सवाल के जवाब में दिया।
स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह ने कहा कि दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की कमी के कारण राज्य में महामारी के कारण मरने वाले 22,915 रोगियों में से कोई भी मौत नहीं हुई है।
एक पूरक सवाल उठाते हुए, कांग्रेस नेता दीपक ने पूछा कि कई मंत्रियों ने पत्र लिखकर कहा कि राज्य में ऑक्सीजन की कमी से मौतें हो रही हैं। इसके अलावा कई सांसदों ने भी ऐसी शिकायतें की थीं। ऑक्सीजन की कमी से मौत की कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं। क्या पूरे राज्य में इन मौतों के बारे में सरकार के पास कोई जानकारी है? क्या सरकार ने गंगा में बहते शवों और ऑक्सीजन की कमी से पीड़ित लोगों को नहीं देखा है?
इसका जवाब देते हुए स्वास्थ्य मंत्री प्रताप ने कहा कि अस्पताल में भर्ती मरीज की मौत की स्थिति में डॉक्टर मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करता है। उन्होंने कहा कि राज्य में COVID-19 पीड़ितों के लिए डॉक्टरों द्वारा जारी किए गए 22,915 मृत्यु प्रमाणपत्रों में कहीं भी ‘ऑक्सीजन की कमी के कारण मृत्यु’ का कोई उल्लेख नहीं है।