
देश के ग्रामीण क्षेत्रों में जल जीवन मिशन के तहत बड़ी सफलता देखने को मिली है। सरकार के ताजा आंकड़ों के अनुसार, 16 जुलाई 2025 तक भारत के 80.93% ग्रामीण घरों को नल से पीने योग्य पानी की सुविधा मिल चुकी है। यह जानकारी केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय द्वारा साझा की गई है।
अब तक 15.67 करोड़ घरों तक पहुंची जल आपूर्ति
मंत्रालय के अनुसार, ग्रामीण भारत के कुल 19.36 करोड़ घरों में से 15.67 करोड़ घरों में नल कनेक्शन दिए जा चुके हैं। जल जीवन मिशन की शुरुआत अगस्त 2019 में की गई थी, तब यह आंकड़ा मात्र 16.7% था। यानी बीते 5 वर्षों में 124.3 मिलियन नए कनेक्शन जोड़े गए हैं।
86% कनेक्शन पूरी तरह कार्यशील
2022 में एक स्वतंत्र मूल्यांकन के तहत पता चला कि इन कनेक्शनों में से 86% कार्यशील हैं।
इनमें…
- 85% घरों में पर्याप्त मात्रा में पानी मिल रहा है।
- 80% घरों में नियमित अंतराल पर आपूर्ति हो रही है।
- और 87% जल गुणवत्ता मानकों पर खरा उतर रहा है।
कुछ राज्यों ने हासिल की ‘हर घर जल’ की मान्यता
जल शक्ति मंत्रालय के अनुसार, गोवा, तेलंगाना, अंडमान-निकोबार, दादरा-नगर हवेली, दमन दीव, पुडुचेरी और पंजाब जैसे राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों ने अपने सभी ग्रामीण घरों में नल जल सुविधा प्रदान कर दी है और “हर घर जल” का सर्टिफिकेट प्राप्त किया है।
टिकाऊ जल प्रबंधन पर भी जोर
सरकार का कहना है कि इस योजना में केवल कनेक्शन देना ही लक्ष्य नहीं है, बल्कि टिकाऊ जल आपूर्ति सुनिश्चित करना भी उतना ही जरूरी है। इसके लिए ग्रामीण जल एवं स्वच्छता समितियों का गठन, स्थानीय निगरानी, और पानी की गुणवत्ता जांच जैसे उपाय किए जा रहे हैं।
क्या है जल जीवन मिशन?
जल जीवन मिशन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2019 में शुरू की गई एक महत्वाकांक्षी योजना है, जिसका उद्देश्य हर ग्रामीण घर को 2024 तक नल से जल उपलब्ध कराना था। अब इस लक्ष्य की ओर देश तेज़ी से बढ़ रहा है, हालांकि कुछ पिछड़े क्षेत्र अभी भी योजना से पूरी तरह लाभान्वित नहीं हो पाए हैं।









