
Desk: देश की शीर्ष कोर्ट नें आज EWS को लेकर बड़ा निर्णय लिया. आर्थिक आधार दिए जा रहे आरक्षण को सुप्रीम कोर्ट ने वैधानिक माना. देश में EWS लागू रहेगा. संवैधानिक पीठ के 3 जज EWS आरक्षण के पक्ष में दिखे. उन्होंने इसके पक्ष मे अपना फैसला सुनाया. EWS आरक्षण को सुप्रीम कोर्ट ने संवैधानिक माना है. इससे ये साफ हो गया है कि देश में जारी रहेगा आर्थिक आरक्षण.
➡EWS को 10 फीसदी आरक्षण का मामला
— भारत समाचार | Bharat Samachar (@bstvlive) November 7, 2022
➡EWS आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट का अहम फैसला
➡संवैधानिक पीठ के 4 जज EWS आरक्षण के पक्ष में
➡EWS आरक्षण को सुप्रीम कोर्ट ने संवैधानिक माना
➡देश में जारी रहेगा आर्थिक आरक्षण
➡EWS कोटे के तहत 10% आरक्षण जारी रहेगा।#Delhi #EWS #SupremeCourt pic.twitter.com/ysdCk9ne7r
EWS कोटे के तहत 10% आरक्षण जारी रहेगा. ये आरक्षण सामान्य वर्ग के आर्थिक रुप से कमजोर लोगो के लिए दिया जाता है जिसको सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी जिसमे आज फैसला पढ़ा गया. 5 जजों में 3 ने इसको लेकर सहमति जताई है. जस्टिस भट्ट EWS आरक्षण से असहमत हैं. सुप्रीम कोर्ट ने EWS आरक्षण पर मुहर लगाई है. आर्थिक आधार पर सवर्णों को 10% आरक्षण मिलना जारी रहेगा. सरकार के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट की मुहर भी लग गई.
दरअसल Supreme Court के मुख्यन्यायधीश यूयू ललित आज रिटायर हो रहे है. ऐसे में आज कार्यकाल के आखिरी दिन उन्होंने बड़ा फैसला दिया है. जस्टिस दिनेश माहेश्वरी EWS कोटे के पक्ष में फैसला दिया. जस्टिस बेला त्रिवेदी, जस्टिस पारदीवाला EWS कोटे के पक्ष में रहे. CJI ललित, जस्टिस रवींद्र भट्ट ने EWS कोटे से असहमती जताई है.