लखनऊ : संगीत नाटक एकेडमी में 2 नाटकों का हुआ मंचन, छात्र-छात्राओं के अभिनय ने जीता दर्शकों का दिल…

हिंदी कवि और लेखक हरिशंकर परसाई के एक काव्यकृति पर आधारित नाटक ऐसी कैसी डेमोक्रेसी को देखकर दर्शकों ने जमकर तालियां बजाईं. नाटक में दिखाया गया कि कैसे झूठ और फरेब के बल पर डेमोक्रेसी स्थापित करके जनता को परेशान किया जा सकता है. नाटक के कई दृश्यों ने दर्शकों की खूब प्रशंसा कमाई.

गुरुवार शाम लखनऊ के संगीत नाटक एकेडमी में छात्र-छात्राओं ने शानदार अभिनय की छंटा बिखेरी. लखनऊ स्थित संगीत नाटक एकेडमी में गुरुवार को दो नाटकों का मंचन हुआ जिसमें स्कूली छात्र-छात्राओं ने बढ़-चढ़कर भाग लिया. पहला नाटक मशहूर राइटर और पोएट विलियम शेक्सपियर के काव्य जुलियस सीजर पर आधारित था जिसमें छात्र-छात्राओं ने बेहद शानदार अभिनय करते हुए दर्शकों का दिल जीत लिया.

इसके बाद मशहूर हिंदी कवि और लेखक हरिशंकर परसाई के एक काव्य पर भी छात्रों ने अपने अभिनय की प्रस्तुति दी. हरिशंकर परसाई के एक काव्य कृति पर आधारित ऐसी कैसी डेमोक्रेसी नामक नाटक का मंचन हुआ जिसमें छोटे-छोटे बच्चों ने इस नाटक में भाग लिया. गुरुवार, शाम संगीत नाटक एकेडमी में आयोजित नाटकों ने दर्शकों के दिल तो जीते ही साथ में बड़ा सामजिक संदेश भी दिया.

हिंदी कवि और लेखक हरिशंकर परसाई के एक काव्यकृति पर आधारित नाटक ऐसी कैसी डेमोक्रेसी को देखकर दर्शकों ने जमकर तालियां बजाईं. नाटक में दिखाया गया कि कैसे झूठ और फरेब के बल पर डेमोक्रेसी स्थापित करके जनता को परेशान किया जा सकता है. नाटक के कई दृश्यों ने दर्शकों की खूब प्रशंसा कमाई.

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जंगल में भेड़ों और भेड़ियों के इस पॉलिटिकल ड्रामें ने दीर्घा-दर्शकों की खूब तालियां बटोरी. अंत में सभी नाटककारों को सर्टिफिकेट देकर सम्मानित किया गया. इन दोनों नाटकों का मंचन और निर्देशन संदीप यादव और प्रीति चौहान द्वारा किया गया जिसे दर्शकों ने काफी सराहा.

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