Khelo India Scheme ने पैरा-एथलेटिक्स सहित 21 खेलों में 2781 एथलीटों की पहचान की है और उन्हें खेलो इंडिया प्रतिभा विकास कार्यक्रम के हिस्से के रूप में आवश्यक सहायता प्रदान की जा रही है। सोमवार यानी 2 दिसंबर को खेल मंत्री मनसुख मंडाविया ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर देकर इस बात की जानकारी दी है।
दरअसल, बीते सोमवार को मंडाविया ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर में कहा, “Khelo India Scheme पैरा-एथलेटिक्स सहित 21 खेलों में एथलीटों को विशिष्ट दिशा-निर्देशों और मानदंडों के आधार पर समर्थन देकर अपने खेलो इंडिया प्रतिभा विकास कार्यक्रम के माध्यम से प्रतिभा की पहचान करती है और उनका पोषण करती है।”
उन्होंने आगे कहा, “आज की तारीख तक, इस योजना के तहत 2781 Khelo India एथलीटों (केआईए) की पहचान की गई है, जिन्हें कोचिंग, उपकरण, चिकित्सा देखभाल और मासिक आउट ऑफ पॉकेट अलाउंस (ओपीए) के माध्यम से सहायता प्रदान की जाती है।”
पहचाने गए एथलीट, जिन्हें Khelo India एथलीट (केआईए) के रूप में जाना जाता है, भारतीय खेल प्राधिकरण (एसएआई) के तहत राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्रों (एनसीओई) के साथ-साथ अन्य मान्यता प्राप्त अकादमियों में प्रशिक्षण ले रहे हैं।
मंडाविया ने कहा कि यह कार्यक्रम भारत के खेल प्रतिभा पूल को मजबूत कर रहा है और वैश्विक मंच पर देश की बढ़ती सफलता में योगदान दे रहा है। मंत्री ने खेलो इंडिया एथलीटों का ब्यौरा भी दिया, जिन्होंने 2022 हांग्जो एशियाई खेलों और पेरिस ओलंपिक के दौरान भाग लिया और देश को गौरवान्वित किया।
उन्होंने कहा, “चीन के हांग्जो में 2022 एशियाई खेलों में, 644 भारतीय एथलीटों में से 124 केआईए थे, और उन्होंने भारत के 106 पदकों में से 42 जीतकर महत्वपूर्ण योगदान दिया, जिसमें 9 स्वर्ण पदक शामिल थे।” “पेरिस 2024 ओलंपिक के लिए, 117 एथलीटों के भारतीय दल में 28 केआईए शामिल थे, जो कार्यक्रम की चल रही सफलता और राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय खेल आयोजनों में भारत के प्रदर्शन को बढ़ाने में केआईए की महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाता है।”
मंडाविया ने इस बात पर प्रकाश डाला कि ‘ग्रामीण और स्वदेशी/आदिवासी खेलों को बढ़ावा देना’ खेलो इंडिया योजना का एक उप-घटक है और यह देश भर में ग्रामीण और स्वदेशी खेलों को बढ़ावा देने के लिए समर्पित है।
उन्होंने कहा, “इस घटक के तहत प्रचार के लिए मल्लखंब, कलारीपयट्टू, गतका, थांग-ता, योगासन और सिलंबम के स्वदेशी/पारंपरिक खेलों की पहचान की गई है और ये खेल सालाना आयोजित होने वाले खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी/युवा खेलों का हिस्सा हैं। इस घटक के तहत बुनियादी ढांचे के विकास, उपकरण समर्थन, कोचों की नियुक्ति, कोचों के प्रशिक्षण और पहचाने गए एथलीटों को छात्रवृत्ति के लिए अनुदान स्वीकृत किए जाते हैं।”