रामनगर- विश्व प्रसिद्ध जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क में वनों और वन्यजीवों की सुरक्षा किसी चुनौती से कम नहीं है, जान जोखिम में डालकर 600 से ज्यादा वनकर्मी रोजाना करते हैं 1000 किलोमीटर से ज्यादा की पैदल गस्त.गस्त के दौरान आज तक वन्यजीवों के हमले में 25 से ज्यादा वनकर्मी गवा चुके हैं जान, फिर भी जान जोखिम में डालकर वनों और वन्यजीवों की हिफाजत करते हैं.
गौर हो कि विश्व प्रसिद्ध कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के वनों और वन्यजीवों की सुरक्षा में पार्क प्रशासन हमेशा से ही अलर्ट मोड पर रहता है, कॉर्बेट पार्क के वनकर्मी वनों और वन्यजीवों की सुरक्षा को लेकर दिन और रात जान जोखिम में डालकर पैदल गस्त करते हैं,बता दें कि कॉर्बेट पार्क में मानसून सत्र में 600 से ज्यादा वनकर्मी रोजाना 1000 किलोमीटर की पैदल गस्त करते हैं,उसके साथ ही ड्रोन से, हाथियों से स्निनीफ़र डॉग के माध्यम से भी यह गस्त की जाती है.कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में 260 से ज्यादा बाघ, 1200 से ज्यादा हाथी, भालू, हिरण, लेपर्ड, 600 से ज्यादा प्रजातियां के पक्षी,व अनेकों जीव जंतु पाए जाते हैं.जिनकी सुरक्षा किसी चुनौती से कम नहीं है.
पार्क प्रशासन हमेशा मानसून सत्र या अन्य समय भी लगातार पैदल गस्त के माध्यम से शिकारीयों पर पैनी नजर रखता है,बता दें कि अब तक पार्क में गस्त के दौरान 25 से ज्यादा वनकर्मी अपनी जान गवा चुके हैं.लेकिन फिर भी पार्क के वनकर्मी जान जोखिम में डालकर वनों और वन्यजीवों की सुरक्षा में हमेशा तैनात रहते हैं.वहीं जानकारी देते हुए कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के पार्क वार्डन अमित ग्वासकोटी ने बताया कि कॉर्बेट टाइगर रिजर्व 1288 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है,यहां बाघ, हाथी,भालू,गुलदार आदि वन्यजीवों के साथ ही कई प्रकार के जीव जंतु रहते हैं, जिनकी सुरक्षा को लेकर वनकर्मी हमेशा तैनात रहते हैं,उन्होंने कहा कि मानसून सीजन को देखते हुए हमारे 600 से ज्यादा वनकर्मी रोजाना 1000 किलोमीटर की पैदल गस्त कर वनों और वन्यजीवों की सुरक्षा में तैनात रहते है.