सपा का ‘Mission Maharashtra’, जानें क्या है Akhilesh Yadav का पूरा प्लान…?

इस दौरान सपा सांसद धर्मेन्द्र यादव समेत करीब 30 सांसद के साथ अयोध्या से जीतने वाले सपा सांसद अवधेश प्रसाद भी मुंबई पहुंचे थे।

यूपी के लोकसभा चुनाव में शानदार प्रदर्शन के बाद समाजवादी पार्टी का जोश हाई हो चुका है.. और हो भी क्यों न आखिर देश के हिंदुत्व की राजनीति का केंद्र मानी जा रही अयोध्या जैसी सीट पर जीत भी तो पाई है। और इसी के साथ अब सपा सबसे ज्यादा सांसदों वाली देश की तीसरी बड़ी पार्टी बन गई है…. मगर राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा पाने के लिए अभी भी जद्दोजहद करना है। इसलिए अब यूपी से बाहर भी कामयाबी हासिल करने के पार्टी ने अपनी कमर कस ली है।  

महाराष्ट्र में सपा का शक्ति प्रदर्शन

सियासी गलियारों में खबरे उड़ रही हैं कि अब अखिलेश यादव की नजर महाराष्ट्र पर है.. दरअसल, शुक्रवार को महाराष्ट्र में सपा ने जोरदार शक्तिप्रदर्शन करते हुए सबका ध्यान अपनी तरफ खींच लिया है। मौका था देश की सियासत का केंद्र कहे जाने वाले उत्तर प्रदेश में जीतने वाले सपा सांसदों के सम्मान समारोह का.. जिसके बहाने सपा ने सत्ता पक्ष में बैठे भारतीय जनता पार्टी को महाराष्ट्र में अपनी धमक भी दिखाई है।

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को लेकर तैयारियां शुरू..?

इस दौरान सपा सांसद धर्मेन्द्र यादव समेत करीब 30 सांसद के साथ अयोध्या से जीतने वाले सपा सांसद अवधेश प्रसाद भी मुंबई पहुंचे थे। इस दौरान पार्टी के इन तमाम नेताओं ने आगामी रणनीति को लेकर बयान दिया। इस कार्यक्रम में मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए अवधेश प्रसाद ने मुंबई के धरती से महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को लेकर अपनी तैयारियां शुरू करने का संदेश भी दिया।

“PDA Formula रे देश में होना चाहिए लागू…” – अवधेश प्रसाद (सपा सांसद, फैजाबाद)

अपने संबोधन में फैजाबाद से सपा सांसद अवधेश प्रसाद ने कहा था कि, “पार्टी के पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक यानी PDA सोशल इंजीनियरिंग फॉर्मूले को पूरे देश में लागू करना चाहिए।” उन्होंने आगे कहा कि, “सपा के समर्थन के बिना यहां कोई भी सरकार नहीं बन सकती।”

बिगड़ सकता है समीकरण

बहरहाल, यूपी में जबरदस्त जीत के बाद सपा अब मजबूती से अपनी बात करने की स्थित में नजर आ रही है। खुद सपा नेताओं के तेवरों से भी ये साफ हो गया है कि वह अब देश भर में अपना नाम बनाने के लिए तैयार हैं। अब सियासी जानकारों का मानना है कि इस बार के महाराष्ट्र में होने वाले विधानसभा चुनाव में भी अपनी किस्मत आजमा सकती है। मगर विपक्ष के गठबंधन के लिए ये इतना आसान नहीं होगा। एक तरफ सपा है जो महाराष्ट्र में कम सीटों पर समझौता करने के मूड में नहीं दिख रही। अखिलेश के पास तो यूपी रिपोर्ट कार्ड के रूप मे अपनी मांग रखने का एक मजबूत रणनीति भी है। अब राज्य में पहले से ही एमवीए के रूप में एक गठबंधन पार्टी मौजूद है। जिसमें कांग्रेस, एनसीपी और उद्धव वाली शिवसेना शामिल है। ऐसे में एक और पार्टी के लिए यहां जगह बना पाना के लिए कितनी गुंजाइश है और इसके सियासी समीकरण क्या होंगे, ये देखना काफी दिलचस्प होगा।

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