जैंथोफोबिया क्या है? इसके लक्षण और उपचार

जैंथोफोबिया के कई कारण हो सकते हैं। जिसमें फैमिली हिस्ट्री, पीले रंग से जुड़ा हादसा, अधिक तनाव और नशे की लत शामिल है।

कोई कलर जिसे आपको देखकर बेचैनी होने लगे और आप गुस्से से पगला जाएं। तो इसे नॉर्मल लेना आपके लिए भारी पड़ सकता है। क्योंकि हो सकता है कि आपब जैंथोफोबिया के शिकार हैं। इसके लिए तुरंत डॉ. को दिखाएं और उनसे सलाह लें।

जैंथोफोबिया क्या है?

पीले रंग से बेवजह डर लगना, येलो फोबिया या जैंथोफोबिया नाम से जाना जाता है। जैंथोफोबिया के शिकार लोग पीला कलर देखते ही परेशान हो जाते हैं। इसकी वजह से सीने में दर्द, घबराहट और घुटन जैसा महसूस करने लगते हैं। ऐसा क्योंकि होता है, इसका स्पष्ट कारण तो अभी भी पता नहीं नहीं चल पाया है। इसपर शोध जारी है।

जैंथोफोबिया क्या है प्रमुख वजह?

जैंथोफोबिया के कई कारण हो सकते हैं। जिसमें फैमिली हिस्ट्री, पीले रंग से जुड़ा हादसा, अधिक तनाव और नशे की लत शामिल है। इन सबसे जैंथोफोबिया की संभावना बढ़ जाती है।

जैंथोफोबिया के प्रमुख लक्षण

जैंथोफोबिया के लक्षण प्रत्येक व्यक्ति में अलग-अलग हो सकते हैं। सामान्य तौर पर  पीली वस्तुओं को देखते ही डर या घबराहट होने लगता है। इसके अलावा अधिक पसीना, शरीर का कांपना, धड़कने तेज होना और सांस लेने में परेशानी हो सकती है। इसके चलते आपकी दिनचर्या पर भी प्रभाव पड़ सकता है। क्योंकि कहीं भी पीला रंग देखते ही व्यवहार में परिवर्तन होने लगता है।

जैंथोफोबिया इलाज

जैंथोफोबिया के इलाज के लिए कई दवाएं हैं। इसके अतिरिक्त बिहेवियरल थेरेपी (CBT), एक्सपोजर थेरेपी और एंटी-डिप्रेसेंट या एंटी-एंग्जायटी दवाओं का प्रयोग कर सकते हैं। यह आपकी कंडीशन पर निर्भर करती है। बिहेवियरल थेरेपी (CBT) नकारात्मक विचार और व्यवहार की पहचान में मदद करता है। एक्सपोजर थेरेपी में धीरे-धीरे पीले रंग का सामना कराया जाता है, जिससे उसका डर कम हो सके। 

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