Janmashtami Upay: जन्माष्टमी का पर्व हम सभी के जीवन में खुशियां लाने और सुख समृद्धि प्रदान करने वाला माना जाता है। मान्यता है कि जन्माष्टमी पर पति और पत्नी मिलकर दोनों व्रत करें और कान्हाजी की विधि विधान से पूजा करें तो उन्हें सुंदर और स्वस्थ संतान की प्राप्ति होती है। गृहस्थ जीवन का सफल संचालन एवं वंशवृद्धि के लिए संतान की उत्पत्ति करना अत्यधिक महत्वपूर्ण है। जीवन के सात सुखों में संतान सुख भी विशेष स्थान रखता है। यूं तो देखा जाए तो आंगन में एक बच्चे की किलकारी परिवार के सभी सदस्यों को व्यस्त कर देती है व ईर्ष्या-द्वेष मिटाकर प्यार का संचार करती हैं। यदि किसी परिवार में संतान सुख की कामना हो तो कुछ महत्वपूर्ण उपाय जन्माष्टमी पर अवश्य करें सोथ ही जन्माष्टमी के दिन कुछ मंत्रों का जाप भी जरूर करें.
संतान प्राप्ति के मंत्र
*देवकीसुतं गोविन्दम् वासुदेव जगत्पते। देहि मे तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गत:।।
मंत्र का अर्थ: इसे गोपाल मंत्र कहा जाता है और जिन परिवारों में संतान सुख न हो और कुंडली में बुध व गुरु संतान प्राप्ति में बाधक हों, उनके लिए इस मंत्र को बहुत ही शुभ माना गया है. ऐसे दंपति को जन्माष्टमी के दिन इस मंत्र का 108 बार जाप करना चाहिए. संतान प्राप्ति के लिए बेहद ही फलदायी मंत्र माना गया है. मंत्र का जाप करने के लिए तुलसी की शुद्ध माला का उपयोग करना चाहिए.
*सर्वधर्मान् परित्यज्य मामेकं शरणं व्रज। अहं त्वा सर्वपापेभ्यो मोक्षयिष्यामि मा शुच।।
मंत्र का अर्थ: हिंदू धर्म शास्त्रों व पुराणों के अनुसार संतान प्राप्ति के लिए इस मंत्र को सबसे सरल उपाय बताया गया है. मान्यता है कि इस मंत्र का जाप करने से घर में कान्हा जैसी सुंदर संतान का जन्म होता है. शीघ्र संतान प्राप्ति के लिए घर में भगवान कृष्ण के बालस्वरुप लड्डू गोपाल जी की प्रतिमा भी स्थापित करनी चाहिए.
संतान प्राप्ति के लिए ऐसे करें लड्डू गोपाल की पूजा
यदि कोई दंपति पूरी तरह स्वस्थ्य है और संतान प्राप्ति में बाधाएं उत्पन्न हो रही हैं तो उन्हें जन्माष्टमी का व्रत अवश्य रखना चाहिए. साथ ही जन्माष्टमी के दिन विधि-विधान से लड्डू गोपाल की सेवा व पूजा भी करनी चाहिए. लेकिन ध्यान रखें कि लड्डू गोपाल की सेवा के कुछ नियम होते हैं जिनका पालन करना बेहद जरूरी माना गया है. सुबह उठकर स्नान आदि करने के बाद सबसे पहले लड्डू गोपाल को स्नान कराएं और फिर उनका श्रृंगार करें. इसके बाद दिन में चार पर उन्हें भोग लगाया जाता है. लड्डू गोपाल यानि बाल गोपाल को कभी भी घर में अकेला नहीं छोड़ा जाता. रात में सोते वक्त उनके कपाट बंद किए जाते हैं.