
Sambhal Violence: उत्तर प्रदेश के संभल जिले में विवादित जामा मस्जिद परिसर में सर्वेक्षण के दौरान हुई हिंसा की घटना की जांच के लिए समाजवादी पार्टी (सपा) का 15 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल शनिवार को संभल जाएगा। यह जानकारी शुक्रवार को सपा ने दी। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष श्याम लाल पाल ने बताया कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव के निर्देश पर प्रतिनिधिमंडल हिंसा की घटना के बारे में विस्तृत जानकारी लेकर रिपोर्ट पार्टी अध्यक्ष को सौंपेगा।
जामा मस्जिद पहले हरिहर मंदिर था
इसके अलावा, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने भी बताया कि 2 दिसंबर को कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल भी संभल जाकर वहां की स्थिति का जायजा लेगा। संभल में 19 नवंबर को अदालत के आदेश पर जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था, जिसके बाद से तनाव की स्थिति बनी हुई है। अदालत में दाखिल एक याचिका में यह दावा किया गया था कि जहां जामा मस्जिद स्थित है, वहां पहले हरिहर मंदिर हुआ करता था।
प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प
24 नवंबर को मस्जिद के दोबारा सर्वेक्षण के दौरान हिंसा भड़क उठी थी। इस हिंसा में प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प के दौरान चार लोगों की मौत हो गई, जबकि 25 अन्य घायल हो गए थे।
वही सपा प्रतिनिधिमंडल 30 नवंबर को यानि की आज संभल जाएगा और इस घटना की पूरी रिपोर्ट पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव को सौंपेगा। इस प्रतिनिधिमंडल में विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय, विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष लाल बिहारी यादव, सपा प्रदेश अध्यक्ष श्यामलाल पाल, सांसद हरेंद्र मलिक, रुचि वीरा, इकरा हसन, जियाउर्रहमान बर्क और नीरज मौर्य के अलावा विधायक कमाल अख्तर, रविदास मेहरोत्रा, नवाब इकबाल महमूद और पिंकी सिंह यादव समेत कुल 15 सदस्य शामिल हैं। जियाउर्रहमान बर्क के खिलाफ भड़काऊ बयान देने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है।
हिंसा की निष्पक्ष जांच के आश्वासन
पहले, सपा ने हिंसा की निष्पक्ष जांच के आश्वासन मिलने के बाद प्रतिनिधिमंडल का दौरा स्थगित कर दिया था। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय ने इस बारे में कहा था कि पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार से बातचीत के बाद पार्टी ने दौरे को स्थगित करने का फैसला लिया था।
बाहरी लोगों के जिले में प्रवेश पर रोक
इस बीच, संभल जिले में प्रशासन ने निषेधाज्ञा लागू कर रखी है और 30 नवंबर तक बाहरी लोगों के जिले में प्रवेश पर रोक है। मुरादाबाद के मंडलायुक्त आंजनेय कुमार सिंह ने इस मामले में कहा कि फिलहाल जिला मजिस्ट्रेट का आदेश है कि कोई भी व्यक्ति यहां न आए। उन्होंने कहा, “कुछ समय दीजिए, सब कुछ सामान्य होने दीजिए। हम अब भरोसा बहाल करने के कदम उठा रहे हैं, और इसके बाद किसी को भी यहां आने से रोका नहीं जाएगा।”
300 से अधिक लोगों की हुई पहचान
उन्होंने यह भी कहा, “जो लोग संभल को अशांत करने में शामिल थे, उनकी पहचान की जा रही है और उन्हें सार्वजनिक किया जाएगा। अब तक 300 से अधिक लोगों की पहचान की जा चुकी है। हमारा मुख्य ध्यान साक्ष्य एकत्र करने पर है।”









