
Hyderabad: भारत डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना (DPI) पहलों के जरिए डिजिटल पहुँच को लोकतांत्रिक बनाने में वैश्विक नेतृत्व कर रहा है, जिसमें आधार, UPI और अब ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (ONDC) जैसी पहल शामिल हैं। ONDC के गैर-कार्यकारी अध्यक्ष, आरएस शर्मा ने बताया कि ONDC तेजी से लोकप्रिय हो रहा है और प्रतिदिन लगभग 0.5 मिलियन लेन-देन हो रहे हैं।
प्रति माह लगभग 15 मिलियन लेन-देन
शर्मा ने ONDC को एक परिवर्तनकारी पहल बताते हुए कहा, “हम प्रतिदिन लगभग पाँच लाख लेन-देन और प्रति माह लगभग 15 मिलियन लेन-देन कर रहे हैं। यह एक प्रकार से डिजिटल कॉमर्स का नया मॉडल है। हमने इसे प्रोटोकॉल-आधारित बनाया है और मालिकाना प्रोटोकॉल के माध्यम से, खरीदारों और विक्रेताओं को एक ही प्लेटफ़ॉर्म पर लाया है।”
डिजिटल कॉमर्स का हुआ लोकतंत्रीकरण
उन्होंने आगे कहा, “ONDC ने न केवल डिजिटल कॉमर्स का लोकतंत्रीकरण किया है, बल्कि यह लॉजिस्टिक्स और वस्तुओं व सेवाओं की बिक्री के बीच की दीवार को भी हटा रहा है। कोई भी चीज जिसे सूचीबद्ध किया जा सकता है, अब नेटवर्क पर ट्रांजैक्ट की जा सकती है। आज, लोग इसे समझ नहीं पाते हैं, ठीक वैसे ही जैसे पहले लोग आधार या UPI को नहीं समझते थे।”
व्यक्तियों या संस्थाओं को विशेष अधिकार दे
“डिजिटल दुनिया में केवल कुछ प्रमुख कंपनियाँ हैं, जैसे Google, WhatsApp और Facebook, और कुछ ही मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम मौजूद हैं। हम ऐसी प्रणाली नहीं चाहते हैं जो केवल कुछ व्यक्तियों या संस्थाओं को विशेष अधिकार दे। इस देश के लिए समाधान मितव्ययी और लोकतांत्रिक होना चाहिए, जहां प्रवेश बाधाएं न्यूनतम हों और सभी को पहुँच मिल सके।”
शर्मा ने यह भी कहा कि अब भारत में डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना (DPI) एक सामान्य शब्द बन चुका है, और देश इसके क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभा रहा है।