तुरंत हटाओ इन्हें! आवारा कुत्तों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने अपनाया सख्त रुख, दिया ये बड़ा आदेश

भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने आवारा कुत्तों और अन्य जानवरों से जुड़े मामलों में एक अहम फैसला सुनाया है।

भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने आवारा कुत्तों और अन्य जानवरों से जुड़े मामलों में एक अहम फैसला सुनाया है। कोर्ट ने राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों को आदेश दिया है कि वे सरकारी और निजी अस्पतालों, शैक्षणिक संस्थानों, रेलवे स्टेशनों जैसी सार्वजनिक जगहों से आवारा कुत्तों को हटा दें। इसके बाद इन कुत्तों की नसबंदी और टीकाकरण कराकर उन्हें शेल्टर होम में रखा जाए।

इसके अलावा, सुप्रीम कोर्ट ने हाईवे और एक्सप्रेसवे से भी आवारा मवेशियों और अन्य जानवरों को हटाने का आदेश दिया है। कोर्ट ने स्पष्ट रूप से कहा कि इन निर्देशों का सख़्ती से पालन होना चाहिए और किसी भी व्यक्ति या संगठन द्वारा इसमें रुकावट डालने पर अवमानना की कार्रवाई की जाएगी।
इस फैसले से जुड़ी एक महत्वपूर्ण बात यह है कि पिछले तीन महीनों में सुप्रीम कोर्ट ने आवारा कुत्तों से जुड़े मामलों में कई बार हस्तक्षेप किया है। 28 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में एक छह साल की बच्ची की मौत के मामले पर स्वत: संज्ञान लिया था, जिसे आवारा कुत्ते ने काट लिया था। कोर्ट ने इसे “चिंताजनक और परेशान करने वाला” मामला बताया।

11 अगस्त को हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली और एनसीआर (नोएडा और गाज़ियाबाद) से सभी आवारा कुत्तों को पकड़कर शेल्टर में भेजने का आदेश दिया। कोर्ट ने कहा कि इन कुत्तों की नसबंदी और टीकाकरण किया जाएगा और इन्हें फिर से सड़कों पर नहीं छोड़ा जाएगा।
इस आदेश के बाद, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को इन निर्देशों को लागू करने के लिए एक कार्य योजना बनानी होगी। शेल्टर होम्स में इन कुत्तों की उचित देखभाल और निगरानी की जिम्मेदारी भी स्थानीय प्रशासन की होगी।

सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि जिन कुत्तों को शेल्टर में रखा जाएगा, उनकी देखभाल की पूरी जिम्मेदारी सरकारी अधिकारियों की होगी। इस आदेश के पीछे उद्देश्य है कि आवारा कुत्तों के कारण होने वाली घटनाओं को रोका जाए और सार्वजनिक स्थलों पर उनकी मौजूदगी को नियंत्रित किया जाए।

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