मेरठ के मवाना की एक महिला के साथ गौतमबुद्धनगर में सामूहिक बलात्कार किया गया है. गैंगरेप के आरोप महिला ने अपने देवर और एक पाकिस्तानी नागरिक पर लगाए हैं. महिला का आरोप है कि पाकिस्तानी नागरिक उसके देवर के साथ हथियारों की तस्करी करता है. पीड़िता को वारदात के बाद बंधक बनाकर रखा गया था. बंधन से आजाद होने पर उसने जारचा थाने में शिकायक की लेकिन गौतमबुद्धनगर पुलिस ने केस ही दर्ज नही किया.
मेरठ निवासी इस महिला की शादी 9 साल पहले गौतमबुद्धनगर के छोलजा गांव में हुई थी. उसके दो बेटियां भी है. पिछले 3 साल से उसके ससुराल में एक पाकिस्तानी अफसर अली का आना जाना है. असगर अली जारचा में अपने परिवार के साथ रहता है. आरोप है कि उसने अवैध दस्तावेजों के आधार पर भारतीय पहचान पत्र बनवाए हुए हैं और वह पाकिस्तान से लगातार लिंक बनाए हुए हैं.
महिला का आरोप है कि पाकिस्तान से वह अवैध हथियार भारत में मंगवाता है और उनकी इलाके में तस्करी करता है. इस कारोबार में महिला के ससुरालवाले भी शामिल है. इस बात का पता जब महिला को लगा तो उसने घर में इसका विरोध किया. महिला की जुबान दबाने के लिए ससुरालवालों की शह पर उसके देवर और पाकिस्तानी नागरिक असगर अली ने उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया है.
महिला की आवाज दबाने के लिए उसके साथ सामूहिक बलात्कार के बाद उसे जलाकर मारने की कोशिश भी की गयी. घर की महिलाओं और पुरूषों ने मिलकर उसके रसोई में ले जाकर गैस चूल्हे में आग लगाई और उससे उसे जला डाला. महिला के शरीर पर जले के घाव आसानी से देखे जा सकते है. इसके बाद महिला को पाकिस्तानी के कहने पर उसी के ससुराल में बंधक बनाकर रखा गया.
कई दिन बाद महिला ने किसी तरह अपने पिता को सूचना दी तो वह पुलिस को लेकर ससुराल पहुंचे और उसको आजाद कराया. गौतमबुद्धनगर के जारचा थाने में महिला ने आरोपियों के खिलाफ शिकायत की लेकिन पुलिस ने पाकिस्तानी की पैरोकोरी करते हुए मुकदमा नहीं लिखा. महिला का आरोप है कि पाकिस्तानी काफी प्रभावशाली है और पुलिस उसके प्रभाव में है इसीलिए उसके खिलाफ कार्रवाई नही हुई.
महिला के घरवाले उसे मवाना ले आए. महिला ने एसएसपी रोहित सिंह सजवान के ऑफिस में जाकर अपने साथ हुए गुनाह में इंसाफ की फरियाद की है. एसएसपी ने मामला थाने को भेजा है और जांच के आदेश दिए हैं.
पूरे मामले की जानकारी मवाना सीओ उदयप्रताप ने मीडिया को दी है लेकिन लेकिन मवाना के थानेदार विष्णु कौशिक इस मामले से पल्ला झाड़ते हुए नजर आये. विष्णु कौशिक के मुताबिक इस मामले की कोई जांच थाने में नही आयी है. जब उन्हें बताया गया कि पुलिस कप्तान के आफिस में शिकायत की गयी है और वहां से शिकायती पत्र थाने भेजा गया है तो उन्होने कहा कि ऐसा कुछ भी नही है.