
आज भारत ने एक और इतिहास रच देने वाली उड़ान अंतरिक्ष में भर दी है, ISRO ने आज दोपहर 2 बजकर 35 मिनट पर श्रीहरिकोटा से सफल लिफ्ट ऑफ किया है चंद्रयान 3 पिछले चंद्रयान 2 मिशन का उत्तराधिकारी है, 4 साल पहले 2019 में भारत का चंद्रयान 2 मिशन लगभग सफल होते होते रह गया था, व्हाणड पर लैंडिंग के दौरान बस अंतिम कुछ क्षणों में चंद्रयान 2 का संपर्क ISRO से टूट गया, जिसकी वजह से यह मिशन पूरी तरह से सफल नहीं हो सका था।
पर इस बार चंद्रयान 3 भारत का परचम अंतरिक्ष में लहराने के लिए पूरी तरह से तैयार है आपको बता दें की इस मिशन में ISRO ने अपना LVM3 (लॉन्च वेह्किल मार्क 3) रॉकेट इस्तेमाल किया है, यह भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) द्वारा विकसित एक स्वदेशी रॉकेट है, यह वही रॉकेट है जिसने भारत को बड़े सैटेलाइट मिशन पूर्ण करने में आत्मनिर्भर बनाया था LVM3 एक तीन-चरण मध्यम-लिफ्ट प्रक्षेपण यान है जिसका मुख्य रूप से संचार सैटेलाइट को भूस्थैतिक कक्षा में लॉन्च करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
LVM3 रॉकेट की कुल लम्बाई 43.43 मीटर है, इसकी शक्ति के चलते इसे ISRO का “बाहुबली” रॉकेट भी कहा जाता है, इस रॉकेट की अंतरिक्ष में कुल भार ले जाने की क्षमता 4000 किलो की है, अब तक ISRO ने इस स्वदेशी रॉकेट से सात मिशन को सफलतापूर्वक पूरा किया है।