प्रयागराज में Allahabad High Court ने एक बड़ा फैसला सुनाया है। गुरुवार यानी 3 अक्टूबर को एक सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने कहा कि सहमति से लंबे समय तक चले संबंध को बलात्कार नहीं माना जा सकता है। अपने इसी फैसले के साथ इलाहाबाद उच्च न्यायालय बलात्कार और जबरन वसूली के आरोपी के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही को रद्द भी कर दिया है।
दरअसल, ये पूरा फैसला न्यायमूर्ति अनीश कुमार गुप्ता के द्वारा सुनाया गया है। जिसमें उन्होंने कहा कि, 12 साल से अधिक समय तक चलने वाले सहमति से बने संबंध को केवल शादी करने के वादे के उल्लंघन के आधार पर बलात्कार नहीं मन जा सकता है।
ये है पूरा मामला
गौरतलब हो कि ये पूरा मामला 21 मार्च, 2018 का है जब मुरादाबाद की एक महिला ने श्रेय गुप्ता नमक एक व्यक्ति पर आरोप लगाया कि उसने उसके पति के गंभीर रूप से बीमार होने के दौरान उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए। साथ ही उसके पति की मृत्यु के बाद उससे शादी करने का वादा भी किया था। मगर, उनके पति के गुजर जाने के बाद आखिरकार 2017 में गुप्ता ने दूसरी महिला से सगाई कर ली। याचिकाकर्ता ने दावा किया कि गुप्ता ने जनवरी 2018 में बंदूक की नोक पर उसके साथ जबरन बलात्कार किया। उसने उसके आपत्तिजनक वीडियो बनाए और 50 लाख रुपये की मांग की। उसने कहा कि अगर उसकी मांगें पूरी नहीं हुईं तो वह वीडियो जारी कर देगा।
महिला के आरोपों के खिलाफ कोर्ट पहुंचा था आरोपी
महिला के इन्हीं आरोपों को लेकर श्रेय गुप्ता ने दाखिल याचिका को रद्द करने की मांग की थी। गुप्ता ने इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि यह रिश्ता पूरी तरह से आपसी सहमति से था और करीब 12-13 साल लम्बा चला। इस दौरान शिकायतकर्ता के पति भी जीवित थे। उन्होंने आरोप लगाया कि यह सबकुछ 1 करोड़ रुपये से जुड़े वित्तीय विवाद से बचने के लिए किया जा रहा है शिकायतकर्ता महिला पर बकाया था। गुप्ता के इसी याचिका पर आज सुनवाई करते हुए इलाहाबाद हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति अनीश कुमार गुप्ता ने आरोपी के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही को रद्द करते हुए ये फैसला सुनाया है।