डेस्क : अदाणी डिफेंस एंड एयरोस्पेस ने भारतीय नौसेना को दूसरा ‘दृष्टि-10 स्टारलाइ’ निगरानी ड्रोन सौंपा,जिससे भारत की समुद्री निगरानी और सुरक्षा क्षमताओं में वृद्धि होगी।
यह ड्रोन, जो इज़रायल के हर्मीस-900 मीडियम-एल्टीट्यूड लॉन्ग-एंड्योरेंस (MALE) यूएवी का भारतीय संस्करण है, अदाणी डिफेंस द्वारा हैदराबाद में निर्मित किया गया है। इस ड्रोन की क्षमता 36 घंटे की उड़ान और 450 किलोग्राम तक का पेलोड ले जाने की है।
‘दृष्टि-10’ को सभी मौसमों में संचालन के लिए डिज़ाइन किया गया है और इसे नाटो के मानक 4671 (STANAG 4671) के तहत वायु योग्यता प्रमाणपत्र प्राप्त है। यह ड्रोन अलग-अलग और सामान्य वायुक्षेत्रों में उड़ान भरने में सक्षम है।
सूत्रों के अनुसार, यह प्लेटफ़ॉर्म सैटेलाइट कम्युनिकेशन (सैटकॉम) आधारित संचालन, स्वायत्त क्षमता और विस्तृत समुद्री क्षेत्रों की निगरानी के लिए अत्याधुनिक तकनीक से लैस है। इसके उन्नत पेलोड सिस्टम ने भारतीय नौसेना को समुद्री निगरानी में अभूतपूर्व क्षमताएं प्रदान की हैं।
पहला ‘दृष्टि-10’ ड्रोन भारतीय नौसेना को इस साल जनवरी में और दूसरा ड्रोन सेना को जून में सौंपा गया था। सेना ने इसे पंजाब के भटिंडा बेस पर तैनात किया है, जहां से यह पाकिस्तान सीमा की निगरानी कर सकता है।
‘दृष्टि-10’ का प्रदर्शन कठिन जलवायु और हिमालय के चुनौतीपूर्ण क्षेत्रों में भी शानदार रहा है। यह 32,000 फीट से अधिक की ऊंचाई पर संचालन करने वाला भारत का एकमात्र स्वदेशी ड्रोन है।
इस उपलब्धि को भारत की रक्षा स्वायत्तता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। अदाणी डिफेंस ने तीन वर्षों में इस तरह की तकनीक विकसित कर ली, जो सामान्यतः पांच से छह साल का समय लेती है।
भारतीय नौसेना के पोरबंदर बेस पर हाल ही में निरीक्षण के दौरान, रियर एडमिरल जनक बेवली ने अदाणी डिफेंस की टीम के साथ इस परियोजना की प्रगति की समीक्षा की।
यह परियोजना भारत की सामरिक और रक्षा तकनीकों में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक प्रेरणादायक उदाहरण है, जिसमें अदाणी डिफेंस और भारतीय नौसेना ने मिलकर उल्लेखनीय सफलता हासिल की है।