अडानी समूह ने घोषणा की कि उसने बैलार्ड पावर सिस्टम के साथ एक गैर-बाध्यकारी समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। हाइड्रोजन को ऊर्जा, उद्योग और गतिशीलता के अकार्बनिकरण के लिए एक महत्वपूर्ण माध्यम के रूप में देखा जा रहा है। अडानी समूह का लक्ष्य अक्षय ऊर्जा में त्वरित निवेश के माध्यम से दुनिया के सबसे बड़े हरित हाइड्रोजन उत्पादकों में से एक बनना है।
इस समझौता ज्ञापन के तहत अडानी एंटरप्राइजेज की नवगठित सहायक अडानी न्यू इंडस्ट्रीज लिमिटेड (ANIL) द्वारा संचालित किया जाएगा, जो डाउनस्ट्रीम उत्पादों, हरित बिजली उत्पादन, इलेक्ट्रोलाइजर और वायू टरबाइन के निर्माण सहित हरित हाइड्रोजन के उत्पादन पर केंद्रित है।
ANIL के निदेशक विनीत एस जैन ने कहा, “हरित हाइड्रोजन भविष्य का ईंधन है और ईंधन सेल भारत के ऊर्जा श्रृंखला में एक गेम-चेंजर साबित होगा।” उन्होंने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि “विश्व स्तरीय हरित हाइड्रोजन मूल्य श्रृंखला बनाने की हमारी क्षमता ऊर्जा संक्रमण को सुविधाजनक बनाने में महत्वपूर्ण होगी और हम भारत में एक साझा ईंधन सेल पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के लिए ईंधन सेल प्रौद्योगिकी में एक वैश्विक दिग्गज कंपनी बैलार्ड के साथ साझेदारी करने के लिए उत्साहित हैं।
उन्होंने कहा हम ईंधन सेल ट्रकों, खनन उपकरण, समुद्री जहाजों, ऑफ-रोड वाहनों और महत्वपूर्ण औद्योगिक शक्ति के साथ अपने व्यवसायों में नवीन उपयोग के संसाधनों को उपलब्ध कराएंगे। हम इस रणनीतिक सहयोग के माध्यम से हरित उद्योग को एक नया आकार देंगे।
1988 में स्थापित अडानी समूह का वर्तमान बाजार 151 बिलियन अमेरिकी डॉलर का है, जिसमें सात सार्वजनिक रूप से सूचीबद्ध कंपनियां शामिल हैं। इनमें बिजली उत्पादन और वितरण कंपनी, नवीकरणीय ऊर्जा, गैस और बुनियादी ढांचा, रसद (बंदरगाह, हवाई अड्डे, शिपिंग और रेल) आदि के विस्तृत क्षेत्र शामिल हैं। इसके अलावा खनन संसाधन और अन्य क्षेत्रों में अडानी समूह उल्लेखनीय उपब्धियां प्राप्त कर रहा है।