पश्चिमी उत्तरप्रदेश के कुख्यात माफिया और गैंगस्टर भूपेन्द्र बाफर अब चुनावी मैदान में है. मेरठ के सिवालखास विधानसभा सीट से भूपेन्द्र बाफर को आजाद समाज पार्टी ने अपना प्रत्याशी बनाया है. पिछले सालों में वेस्ट यूपी में भूपेन्द्र बाफर और सुशील मूंछ की अदावत दुनियां ने देखी थी. मूंछ की हत्या के लिए बाफर ने अपने शार्प शूटर की फरारी तक कराई थी.
एक जमाने में पूरे यूपी में ब्लाक प्रमुख का अकेले निर्दलीय चुनाव जीतकर चर्चा में आया हिस्ट्रीशीटर गैंगस्टर और वेस्ट यूपी की जरायम की दुनियां का डॉन भूपेन्द्र बाफर मेरठ के सिवालखास से चुनावी मैदान में है. सीएम योगी के खिलाफ गोरखपुर से चुनावी मैदान में ताल ठोंकने वाले भीमआर्मी प्रमुख और आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चन्द्रशेखर आजाद ने बाफर को चुनावी टिकट दिया है.
भूपेन्द्र बाफर कई दशकों से सक्रिय हार्डकोर क्रिमिनल है. 2 जुलाई 2019 को भूपेन्द्र बाफर ने अपने गैंग के साथ मुजफ्फरनगर कोर्ट में पेशी से लौट रही पुलिस टीम पर हमला बोला और ताबड़तोड़ फायरिंग करके कुख्यात शार्प शूटर रोहित सांडू की फरारी कराई थी. इस फरारी कांड में एक हमलावर बदमाश को गोली लगी थी और पुलिस के एक दारोगा की भी बदमाशों ने हत्या कर दी थी. हांलाकि इस वारदात के कुछ दिन बाद पुलिस ने रोहित सांडू को पुलिस एनकाउंटर में मार डाला था
भूपेन्द्र बाफर इस केस का मास्टर माइंड था. जिस बदमाश को फरारीकांड के वक्त पुलिस की गोली लगी थी उसे बाफर अपनी कार में मेरठ के कंकरखेड़ा लेकर आया और एक अस्पताल में उसका इलाज करवाया था. बाद में मामले का खुलासा होने पर पुलिस ने भूपेन्द्र बाफर की गिरफ्तारी की और उसे जेल भेजा था.
हैरत की बात यह रही कि रोहित सांडू की फरारी कांड को अंजाम देते वक्त भूपेन्द्र बाफर दो पुलिस के सिपाहियों की सुरक्षा में था. यह सुरक्षा उसे मेरठ के तत्कालीन एसएसपी और डीएम की ओर से दी गयी थी. पुलिस के सिपाही पूरी वारदात में शामिल रहे और दारोगा की हत्या होने के बाद भी भूपेन्द्र बाफर के वफादार बने रहे थे. बाद में दोनो सिपाहियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की गयी थी.
रोहित सांडू की फरारी के पीछे भूपेन्द्र बाफर की साजिश अपने प्रतिद्वंदी सुशील मूंछ की हत्या करवाना था. अदालत में मूंछ की पेशी के दौरान इस हत्या का ताना-बाना बुना गया था. लेकिन दारोगा की हत्या के बाद पुलिस रोहित सांडू और इस कांड के मास्टरमाइंड भूपेन्द्र बाफर के पीछे पड़ गयी. मुजफ्फरनगर पुलिस ने इस मामले में भूपेन्द्र बाफर की मेरठ स्थित करोड़ो की कोठी के जब्तीकरण की कार्रवाई भी की. लेकिन इसे अंजाम तक नही पहुंचा पायी.
अपना नामांकन पत्र दाखिल करने के बाद मीडिया से रूबरू भूपेन्द्र बाफर ने बताया कि उसे नेता और कुछ अफसरों ने जबरन अपराधी बनाया है. भूपेन्द्र बाफर के मुताबिक उससे ज्यादा मुकदमें तो उसी की विधानसभा में बीजेपी प्रत्याशी मनिन्दरपाल सिंह के खिलाफ दर्ज है. तो उससे बड़ा अपराधी तो बीजेपी प्रत्याशी हो गया. बाफर का मानना है कि सामाजिक कार्यो के दौरान उससे रंजिश रखने वालों ने साजिशें रची और उसके खिलाफ पुलिस से मिलकर केस दर्ज कराये.