उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव आज अपना 51वां जन्मदिन मना रहे हैं। इस मौके पर देश भर से तमाम राजनेताओं ने उन्हें उनके इस खास दिन की बधाई दी है। तो चलिए इस मौके पर देखते हैं कैसा रहा अखिलेश यादव का अब तक का सफर : –
दरअसल, अखिलेश यादव का अब तक का सफर काफी दिलचस्प रहा। उन्होंने उत्तर प्रदेश में बसे इटावा के एक छोटे से कस्बे सैफई से निकलकर देशभर में अपनी अलग पहचान बनाई है। विदेश में पढ़ाई करके वापस अपने देश लौटे अखिलेश ने महज 38 साल की उम्र में ही देश के सबसे बड़े प्रदेश यूपी की कमान संभाल ली और मुख्यमंत्री बने।
इस बीच उन्होंने ऐसे तमाम प्रास किये जिससे समाजवादी पार्टी की छवि को बेहतर बनाया जा सके। हालांकि, मोदी लहर के कारण समाजवादी पार्टी की नैया डगमगाई जरूर थी, मगर उन्होंने पार्टी को एक बार फिर बेहतर स्थिति में लाकर खड़ा कर दिया है।
1 जुलाई 1973 को सैफई में जन्मे अखिलेश की प्रारंभिक शिक्षा वहीं के सेंट मैरी स्कूल से पूरी हुई है। अखिलेश यादव ने राजस्थान के धौलपुर स्थित मिलिट्री स्कूल में भी पढ़ाई की। जहां से पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने मैसूर के इंजीनियरिंग कॉलेज में दाखिला ले लिया था। वहां से उन्होंने एनवायरमेंटल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन किया और फिर ऑस्ट्रेलिया की सिडनी यूनिवर्सिटी से एनवायरमेंटल इंजीनियरिंग में मास्टर डिग्री ली।
अखिलेश को वर्ष 2010 में मुलायम ने साइकिल की हैंडिल थमाई। जिसपर सवार होकर युवा अखिलेश यूपी की सड़कों पर निकल पड़ें। अगले दो सालों में ही उन्होंने पूरे प्रदेश को छान मारा। जिसका असर कुछ ऐसा रहा कि अगले चुनाव में पहली बार समाजवादी पार्टी पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने में कामयाब हो गई।
जिसके बाद अपनी बढ़ती आयु और उचित अवसर को देखते हुए मुलायम ने 2012 में उनको पार्टी की कमान सौंप दी थी। उस दौरान जहां आजम खान और बाकी सरीखे नेता उनके साथ खड़े दिखे, तो वहीं उनका खुद का परिवार विरोध पर उतर आया। चाचा शिवपाल की नाराजगी ने सपा में खेमेबाजी शुरू कर दी। लेकिन, मुलायम ने अपने बेटे को लेकर जो फैसला किया था उसपर वो अडिग रहें। मात्र 38 साल के अखिलेश ने पहले प्रदेश और फिर पार्टी की जिम्मेदारी संभाली। जिसके बाद वर्ष 2017 में वो सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने और अब तक इस पद पर आसीन हैं।
उन्होंने अपने पिता मुलायम सिंह यादव के मर्जी के खिलाफ जाकर अपनी दोस्त डिंपल से शादी की। हालंकि, इस नाराज मुलायम को मनाने के लिए अमर सिंह को भी बहुत मेहनत करनी पड़ी थी। अंततः, मुलायम सिंह को अपने बेटे के आगे हार माननी पड़ी। जिसके बाद ऑस्ट्रेलिया से वापस लौटने के बाद उन्होंने 24 नवंबर 1999 डिंपल यादव के साथ शादी की। अखिलेश से शादी के बाद डिंपल यादव भी राजनीति में काफी एक्टिव नजर आई। उनकी दो बेटियां और एक बेटा है।
ऑस्ट्रेलिया से लौटने के बाद ही अखिलेश यादव ने यूपी की राजनीति में अपना पहला कदम रखा। वर्ष 2000 चल रहा था जब अखिलेश कन्नौज लोकसभा सीट से चुनावी मैदान में उतरे और जीत दर्ज करने में कामयाब हुए। फिर 2004 – 2009 में हुए लोकसभा चुनाव में जीत हासिल की। 2012 में अखिलेश ने 15वीं लोकसभा के सदस्य पद से इस्तीफा देकर यूपी विधानसभा का चुनाव लड़ा और उत्तर प्रदेश में सपा की सरकार बनाई। 2017 में यूपी की सत्ता भाजपा के हाथों गंवाने के बाद वे 2019 के लोकसभा चुनाव में आजमगढ़ से उतरे और जीते। इसके बाद उन्होंने यूपी चुनाव 2022 में एक बार फिर लखनऊ का रुख किया।
मैनपुरी के करहल विधानसभा सीट से चुनावी मैदान में उतरे। भाजपा के एसपी सिंह बघेल को हराकर यूपी विधानसभा तक का सफर तय किया। मैनपुरी सीट खाली कर दी। मगर अब एक बार फिर उनके परंपरागत कन्नौज सीट से लोकसभा चुनाव 2024 में उन्होंने जीत हासिल करते हुए अपने सियासी रसूख को बचा लिया है। इस बार के चुनाव में अखिलेश और उनके साथियों ने गजब का प्रदर्शन दिखाते हुए सबको चौंका दिया है।