बैंकों ने 31 अक्टूबर तक पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत 1,751 करोड़ रुपये के ऋण मंजूर किए हैं। इस बात की जानकारी वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने मंगलवार को दी।
राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में उन्होंने कहा कि सरकार ने विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में उधारकर्ताओं के सामने आने वाली चुनौतियों को दूर करने और आबादी की जरूरतों को पूरा करने के लिए ऋण के आसान प्रवाह को सुविधाजनक बनाने के लिए विभिन्न उपाय किए हैं।
चौधरी द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत 2.02 लाख से अधिक खाते खोले गए हैं, जिनमें 1,751.20 करोड़ रुपये की स्वीकृत ऋण राशि है। सरकार ने अपने हाथों और औजारों से काम करने वाले कारीगरों और शिल्पकारों को संपूर्ण सहायता प्रदान करने के लिए 17 सितंबर, 2023 को पीएम विश्वकर्मा की शुरुआत की।
इन पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को ‘विश्वकर्मा’ कहा जाता है और वे लोहार, सुनार, कुम्हार, बढ़ई, मूर्तिकार आदि जैसे व्यवसायों में लगे हुए हैं। वित्त वर्ष 2023-2024 से वित्त वर्ष 2027-28 तक इस योजना के लिए वित्तीय परिव्यय 13,000 करोड़ रुपये है।