
वाराणसी। सर्व विद्या की राजधानी काशी हिंदू विश्वविद्यालय प्रशासन को एक बार फिर शर्मसार होना पड़ा है। पिछले 8 दिनों से BHU के हिंदी डिपार्टमेंट के P.hd में एडमिशन के लिए धरने पर बैठी छात्रा को गुरुवार की शाम पेमेंट लिंक विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से भेजा गया। छात्रा ने पेमेंट लिंक पर फीस पेमेंट कर अपने एडमिशन को सुनिश्चित कर लिया है। छात्रा के एडमिशन में आ रही बाधा दूर होने से छात्र छात्राओं में उत्साह का माहौल है। छात्रों ने इसे बड़ी जीत मानते हुए छात्रा अर्चिता सिंह का मुंह मीठा कराकर धरने को समाप्त करवाया।
वाराणसी : धरने पर बैठी अर्चिता को मिला न्याय
— भारत समाचार | Bharat Samachar (@bstvlive) April 24, 2025
➡बीएचयू में एडमिशन के लिए धरने पर बैठी थी
➡धरने के 7वें दिन हुआ एडमिशन
➡केंद्रीय कार्यालय पर बैठी थी धरने पर
➡PHD में एडमिशन के लिए था धरना.#Varanasi #BHU #Bharatsamachar pic.twitter.com/rMmerqKc4r
EWS के तहत हुआ छात्रा अर्चिता सिंह का एडमिशन, पुराना सर्टिफिकेट जमा करने पर रोका गया था एडमिशन
दरअसल काशी हिंदू विश्वविद्यालय में छात्रा अर्चिता सिंह का P.hd में EWS के तहत एडमिशन होना था। छात्रा ने इंटरव्यू के बाद विगत वर्ष का EWS सर्टिफिकेट जमा किया। नए सर्टिफिकेट के लिए अंडरटेकिंग लेकर छात्रा को 31 मार्च तक नए स्टीफिकेट जमा करने का समय दिया गया। छात्रा ने बताया कि 29 मार्च को वह नए EWS सर्टिफिकेट की हार्ड कॉपी विभाग में जमा कर सॉफ्ट कॉपी को विश्वविद्यालय को मेल किया। इसके बाद भी उसका एडमिशन यह कहकर रोका गया कि अंडरटेकिंग लेने का कोई नियम विश्वविद्यालय में नहीं है, लेकिन छात्रा ने दावा किया कि अन्य विभागों में भी अंडरटेकिंग लेकर एडमिशन दिया गया है। ऑफिसों और विभाग का चक्कर लगाने के बाद भी जब छात्रा का पेमेंट लिंक रोक दिया गया, तो छात्रा न्याय के लिए धरने पर बैठ गई। छात्रा ने आरोप लगाया कि ABVP से जुड़े एक छात्र को एडमिशन देने के लिए कुछ प्रोफेसर साजिश के तहत उसका एडमिशन कैंसिल करना चाहते है।



विश्वविद्यालय ने मामले की करवाई जांच, छात्रा को मिला न्याय
इस पूरे प्रकरण पर राजनीति भी गरमा गई। तमाम विपक्षी दलों ने छात्रा को न्याय दिलाने के लिए आवाज उठाई, वही करणी सेना ने विश्वविद्यालय प्रशासन को आंदोलन की चेतावनी तक दे डाली। आनन – फानन में विश्वविद्यालय के कार्यवाहक कुलपति संजय कुमार के निर्देश पर एक टीम गठित कर मामले की जांच करवाया गया। जिसमें छात्रा अर्चिता सिंह के सभी सर्टिफिकेट और अन्य विभाग में अंडरटेकिंग लेकर एडमिशन दिए जाने की बात सही पाया गया। ऐसे में गुरुवार को विश्वविद्यालय प्रशासन ने छात्रा के एडमिशन के लिए पेमेंट लिंक भेजा। छात्रा ने तत्काल अपना फीस पेमेंट कर अपना एडमिशन सुनिश्चित कर लिया है। बता दें कि इससे पहले छात्र शिवम् सोनकर ने भी P.hd में एडमिशन को लेकर अनियमितता का आरोप लगा धरने पर बैठा था। छात्र शिवम् के मामले में भी विश्वविद्यालय बैकफुट पर आया और उसे भी एडमिशन दिया गया।