
वाराणसी- काशी हिंदू विश्वविद्यालय में बुधवार को उसे समय हड़कंप मच गया, जब एक छात्रा ने अपनी हथेली का नस काटकर आत्महत्या का प्रयास किया। आनन – फानन में छात्र को ट्रामा सेंटर में भर्ती करवाया गया। शोध की छात्रा के द्वारा हॉस्टल के कमरे में आत्महत्या का प्रयास किए जाने का मामला आने पर विश्वविद्यालय में चर्चा एक विषय बन गया है। जानकारी के अनुसार छात्रा ने शोध में गाइड न मिलने की वजह से डिप्रेशन में आकर इस घटना को अंजाम दिया। फिलहाल विश्वविद्यालय प्रशासन घटना को लेकर चुप्पी साधे हुए है।

एक साल से गाइड के लिए विभाग का चक्कर लगा रही थी छात्रा, गाइड न मिलने से डिप्रेशन का हुई शिकार
काशी हिंदू विश्वविद्यालय के न्यू एचडी गर्ल्स हॉस्टल के कमरे में छात्रा के द्वारा आत्महत्या का प्रयास किए जाने के बाद मौके पर पहुंचे छात्रा के साथी छात्रों के द्वारा विश्वविद्यालय प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाया गया। साथी छात्रों ने बताया कि छात्रा कला संकाय बी.वॉक में शोध के लिए एडमिशन ली है, लेकिन करीब 14 महीने बीतने के बाद भी छात्रा को गाइड एलॉट नहीं कराया गया। छात्रा किस गाइड के अंदर में अपना शोध कंप्लीट करें इसको लेकर लगातार विभाग के चक्कर काट रही थी, लेकिन कोई भी जिम्मेदार प्रोफेसर और अधिकारी छात्र की परेशानी की सुध नहीं ले रहा था जिससे छात्रा काफी परेशान थी।

छात्रा के परिजनों से दो दिनों से नही हुआ वार्ता, छात्रा के आत्महत्या के प्रयास से विश्वविद्यालय में आक्रोश व्याप्त
छात्रा को लेकर ट्रामा सेंटर पहुंचे छात्रों की माने तो घटना के बाद छात्रा के प्रतिरोध से उनकी वार्ता हुई। छात्र के परिजनों ने छात्रों को बताया कि छात्र काफी परेशान थी और दो दिनों से उनका भी कॉल रिसीव नहीं कर रही थी। वही इस घटना के बाद काशी हिंदू विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं में आक्रोश का माहौल है। छात्रों की माने तो विश्वविद्यालय के लचर व्यवस्था की वजह से छात्र ने आत्महत्या का प्रयास किया है। यदि विश्वविद्यालय की तरफ से शोध छात्र को गाइड एलॉट कर दिया गया रहता है तो ऐसी नौबत नहीं आती।

छात्रावास की वार्डन ने दिखाई घटना के बाद तत्परता, विश्वविद्यालय के जिम्मेदार अधिकारियों ने साधी चुप्पी
काशी हिंदू विश्वविद्यालय के न्यू एचडी गर्ल्स हॉस्टल में हुई इस घटना के पश्चात छात्रावास की वार्डन ने तत्परता दिखाइए। घटना की जानकारी होने पर तत्काल एंबुलेंस बुलाकर खुद छात्रा को लेकर ट्रामा सेंटर पहुंची और उसका ईलाज करवाया। वार्डन स्वर्णालता ने बताया कि छात्राओं के जरिए उन्हें इस घटना की जानकारी हुई थी। जानकारी होने के बाद तुरंत छात्रा को अस्पताल लाया गया है। फिलहाल छात्रा खतरे से बाहर है। छात्रा ने आत्महत्या का प्रयास क्यों किया इसके बारे में छात्रावास की वार्डन ने जानकारी न होने की बात कही। वही इस घटना को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारियों ने फिलहाल चुप्पी साधी हुई है।

रिपोर्ट : नीरज कुमार जायसवाल