इलाहाबाद उच्च न्यायालय से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आ रही है. जहां हाई कोर्ट ने बड़ा निर्णय लिया है. ऐसे में अब तलाकशुदा महिलाओं को उनके पिता के स्थान पर मृत्यु उपरांत अनुकम्पा के आधार पर नौकरी को लेकर इलाहबाद हाई कोर्ट का बड़ा फैसला आया है. पिता की मृत्यु से पहले उन पर आश्रित बेटी ही हकदार. ‘अधिकारियों के समक्ष तलाक का तथ्य साबित करना होगा’.
आपको बता दें कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कहा कि जब तक तलाकशुदा बेटी यह साबित नहीं कर देती कि वह अपने पिता की मृत्यु से पहले उन पर आश्रित थी, तब तक वह उनके निधन के बाद अनुकंपा नियुक्ति की हकदार नहीं होगी. आगे न्यायालय ने कहा कि तलाकशुदा बेटी को अनुकंपा नियुक्ति की मांग करते समय अधिकारियों के समक्ष तलाक के तथ्य को भी साबित करना होगा.
न्यायामूर्ति जे जे मुनीर ने कहा कि यदि कार्यरत कर्मचारी की मृत्यु की तिथि पर यह दर्शाया जा सके कि उसकी विवाहित पुत्री उस पर आश्रित है. या उसकी विधवा और नाबालिग परिवार के सदस्यों की देखभाल विवाहित पुत्री द्वारा की जा सकती है, तो यदि उसे अनुकंपा नियुक्ति प्रदान की जाती है, तो यह दावे पर विचार करने और निषेधात्मक नियम की वैधता पर निर्णय लेने का मामला हो सकता है.