राम मंदिर ट्रस्ट का बड़ा फैसला, 20 – 21 जनवरी को जाने वाले हैं अयोध्या, तो पढ़ें पूरी खबर ?

अयोध्या में प्रभु श्री राम के भव्य मंदिर को पूरा बनने में अब कुछ ही समय बाकी है। जैसे-जैसे दिन बीत रहे हैं वैसे-वैसे लोगों में प्रभु श्री राम के दर्शन को लेकर उत्साह भी बढ़ता चला जा रहा है।

Desk : अयोध्या में प्रभु श्री राम के भव्य मंदिर को पूरा बनने में अब कुछ ही समय बाकी है। जैसे-जैसे दिन बीत रहे हैं वैसे-वैसे लोगों में प्रभु श्री राम के दर्शन को लेकर उत्साह भी बढ़ता चला जा रहा है। 22 जनवरी को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए भव्य स्तर पर तैयारियां भी जारी है। इस बीच रामलला के दर्शन से जुडी एक बड़ी खबर सामने आ रही है। खबर आई है की 22 को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह को मद्देनजर रखते हुए अगामी 20 और 21 जनवरी को रामलला के पट बंद रहेंगे यानी की इन दो दिन भक्तजन अपने रामलला का दर्शन नहीं कर पाएंगे। इस पूरे मामले की जानकारी खुद राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने दी है।

देशभर के तमाम हाई प्रोफाइल लोग अयोध्या में होंगे मौजूद
दरअसल, 22 जनवरी को अयोध्या राम मंदिर के गर्भ गृह में रामलला के मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा का भव्य आयोजन होना है। इस कार्यक्रम में पीएम मोदी मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होने वाले हैं। वहीं, इस भव्य समारोह में सम्मिलित होने के लिए देशभर के तमाम दिग्गज हस्तियां, राजनीतिक नेता, फिल्मी और उद्योग, खेल जगत से जुड़े कई बड़े चेहरे जैसे अमिताभ बच्चन, सचिन तेंदुलकर जैसे लोग अयोध्या में मौजूद रहेंगी। इस कारण राम मंदिर में रामलला के दर्शन के लिए आम भक्तों की एंट्री बंद है। 22 जनवरी को कोई अनहोनी न हो इसको ध्यान में रखते हुए अयोध्या को पूरे किले की तरह बना दिया गया है। हालांकि, 23 जनवरी से सभी आमभक्त राम मंदिर में प्रभु रामलला का दर्शन कर सकेंगे।

पूरे विधि-विधान के साथ स्थापित हुई श्रीरामलला की मूर्ति
गौरतलब है कि बीते बृहस्पतिवार को श्रीरामलला के विग्रह को पूरे विधि विधान, संस्कार और पूजन के साथ नव निर्मित भव्य मंदिर के गर्भ गृह में स्थापित कर दिया गया है। इस पूरे कार्यक्रम को विशेष रूप से काशी से आए पुरोहितों ने सम्पन कराया था। जानकारी के अनुसार रामलला के श्री मुख को छोड़ कर बाकी जगह से कवर हटा दिया गया है। अपने पाठकों की जानकारी के लिए बता दें कि रामलला की जो प्रतिमा गर्भ गृह में स्थापित किया गया है वो पूरा पत्थर का बना हुआ है, जिसका वजन अनुमानित 150 से 200 किलो के बीच है। ये मूर्ति श्री राम के पांच वर्ष के बालक का स्वरूप है।

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