Desk : उत्तर प्रदेश हाईकोर्ट ने चेक बाउंस मामले में बड़ा फैसला लिया है. उच्च न्यायालय के दिए गए इस बड़े फैसले के अनुसार अब खाता बंद होने पर भी चेक का भुगतान ना होना चेक बाउंस के अपराध की श्रेणी में आएगा. खाता बंद करके चेक के भुगतान से नहीं बचा जा सकता.
बता दें कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने फैसले में कहा कि जब कोई चेक ‘खाता बंद’ के पृष्ठांकन के साथ बैंक द्वारा बिना भुगतान लौटाया जाता है, तो यह ‘चेक का अनादर’ माना जाएगा और परक्राम्य लिखत अधिनियम की धारा 138 के तहत अपराध का गठन होगा.
इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति अनीश कुमार गुप्ता की पीठ ने बेहद अहम फैसला सुनाते हुए यह स्पष्ट कर कहा कि अदाकर्ता बैंक द्वारा चेक की वापसी अकेले एनआई अधिनियम की धारा 138 के तहत अपराध का गठन करती है. ऐसे में ‘चेक बाउंस’ शब्द का उपयोग उस समय किया जाता है जब भुगतान करने के लिए उपयोग किया गया चेक किसी गलती के कारण बाउंस हो जाता है.