
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को रक्षा सम्मेलन 2025 में भारत के रक्षा क्षेत्र के भविष्य के लिए स्पष्ट और महत्वाकांक्षी रोडमैप पेश किया। उन्होंने कहा कि इस साल रक्षा उत्पादन ₹1.60 लाख करोड़ के पार जाएगा और 2029 तक इस क्षेत्र में ₹3 लाख करोड़ के उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है।
स्वदेशी उत्पादन और निर्यात को बढ़ावा
- भारत का रक्षा निर्यात लगातार बढ़ रहा है और 2025 में इसे ₹30,000 करोड़ तक पहुंचने का अनुमान है, जो 2029 तक ₹50,000 करोड़ तक बढ़ सकता है।
- सरकार का लक्ष्य भारत को वैश्विक रक्षा आपूर्ति श्रृंखलाओं में एक मजबूत स्थान दिलाना है, जो लचीलापन, नवाचार और रणनीतिक साझेदारियों पर केंद्रित होगा।
स्वदेशीकरण पर जोर और प्रमुख सुधार
- रक्षा मंत्रालय ने स्वदेशीकरण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए पांच सकारात्मक स्वदेशीकरण सूचियाँ जारी की हैं। इनमें 5,521 रक्षा उपकरण और प्लेटफॉर्म शामिल हैं, जो अब भारत में ही बनाए जाएंगे।
- साथ ही, सरकार ने घरेलू कंपनियों को 75% रक्षा पूंजीकरण बजट आवंटित करने का निर्णय लिया है, जिससे स्वदेशी रक्षा कंपनियों को समर्थन मिलेगा।
युद्ध के रूप बदलने के संकेत
- राजनाथ सिंह ने भविष्य में युद्ध के रूपों में बदलाव की चेतावनी दी, जिसमें साइबर और अंतरिक्ष जैसे नए मोर्चे उभरेंगे। उन्होंने कहा कि युद्ध अब अधिक हिंसक, अप्रत्याशित और बहुआयामी होगा।
- इसके साथ ही, उन्होंने सरकार की दीर्घकालिक क्षमता निर्माण और सतत सुधार के दृष्टिकोण को साझा किया।