
Allahabad High Court Verdict. मऊ के माफिया नेता मुख्तार अंसारी के बेटे और पूर्व विधायक अब्बास अंसारी को इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। हाईकोर्ट ने अब्बास की याचिका स्वीकार करते हुए मऊ स्थित एमपी/एमएलए स्पेशल कोर्ट द्वारा सुनाई गई दो साल की जेल की सजा को रद्द कर दिया। इस फैसले के बाद अब उनका विधायक का दर्जा बहाल हो जाएगा और मऊ सदर विधानसभा सीट पर होने वाला उपचुनाव रद्द हो गया।
अंसारी को अयोग्य घोषित किया गया था
मऊ के एमपी/एमएलए स्पेशल कोर्ट ने 31 मई, 2025 को अब्बास अंसारी को 2022 के विधानसभा चुनाव के दौरान दिए गए भड़काऊ भाषणों के मामले में दोषी ठहराते हुए दो साल की जेल और 3,000 रुपये का जुर्माना सुनाया था। इसी सजा के आधार पर 1 जून, 2025 को उनका विधायक पद समाप्त कर दिया गया था।
हाईकोर्ट का फैसला
जब मऊ के जिला न्यायाधीश ने 5 जुलाई को उनकी अपील खारिज कर दी, तब अब्बास ने इस आदेश को चुनौती देते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट का रुख किया। दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने 30 जुलाई को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया और अब यह राहत प्रदान की।
वकील और दलीलें
अधिवक्ता उपेन्द्र उपाध्याय ने अब्बास अंसारी का प्रतिनिधित्व किया, जबकि महाधिवक्ता अजय कुमार मिश्रा और अतिरिक्त महाधिवक्ता एमसी चतुर्वेदी ने उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से दलील दी और किसी भी राहत का विरोध किया।
राजनीतिक प्रभाव
आज के फैसले के साथ अब्बास अंसारी की विधानसभा सदस्यता पुनः बहाल हो जाएगी। मऊ में यह राजनीतिक रूप से एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम माना जा रहा है, क्योंकि इससे स्थानीय राजनीति और आगामी चुनावी परिदृश्य पर असर पड़ सकता है।




