भाजपा ने दिया स्पष्ट संदेश, निकाय चुनाव में मंत्री के परिजनों व रिश्तेदारों को नहीं मिलेगा टिकट

चुनावों में परिवारवाद की परंपरा को समाप्त करने के लिए भारतीय जनता पार्टी की एक नई रणनीति बनायी है। मुख्यमंत्री आवास पर कल हुई बैठक में सीएम ने मंत्रियों को दबाव ना बनाने के निर्देश दिये हैं।

चुनावों में परिवारवाद की परंपरा को समाप्त करने के लिए भारतीय जनता पार्टी की एक नई रणनीति बनायी है। मुख्यमंत्री आवास पर कल हुई बैठक में सीएम ने मंत्रियों को दबाव ना बनाने के निर्देश दिये हैं। भाजपा के प्रदेश सरकार और संगठन ने स्पष्ट संदेश दिया है कि निकाय चुनाव में सरकार के मंत्री के परिजनों के रिश्तेदारों को नहीं टिकट नही मिलेगा।

मुख्यमंत्री आवास पर हुई बैठक में निर्णय लिया गया है कि कोई भी निकाय चुनाव में अपने रिश्तेदारों और परिवारीजन के लिए टिकट के लिए दबाव न बनाएं। पहले चरण के प्रत्याशियों के नामों की घोषणा 15 अप्रैल तक की जाएगी। मुख्यमंत्री और दोनों डिप्टी CM को 25-25 ज़िलों की ज़िम्मेदारी दी गई है। साथ ही मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि योग्य और जिताऊ उम्मीदवार चुने जाएं और इसका चयन सहमति से किया जाए। इसके अलावा यह भी कहा गया है कि मंत्री यह भी देखें कि उस निकाय में कहीं कोई उम्मीदवार बागी ना हो जाए।

बैठक में मंत्रियों को यह भी कहा गया है कि उन्हें न केवल प्रभार वाले नहीं बल्कि उनके गृह जनपद में भी उम्मीदवारों को जिताने की जिम्मेदारी है और जरूरत पड़ने पर उन्हें अन्य जिलों में भी प्रवास करना पड़ेगा। नगर पंचायत के अध्यक्ष पार्षद और नगरपालिका के सभासद के प्रत्याशी का चयन जिला कोर कमेटी की संस्तुति से क्षेत्र मुख्यालय से किया जाएगा। नगर पालिका के अध्यक्ष नगर निगम के पार्षद महापौर प्रत्याशी का चयन क्षेत्र की कोर कमेटी की संस्तुति पर प्रदेश मुख्यालय से होगा।

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